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    'संसद ही सर्वोच्च, इससे ऊपर कोई नहीं...', निशिकांत दुबे विवाद के बीच जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Tue, 22 Apr 2025 02:20 PM (IST)

    जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद सर्वोच्च है और सांसद ही संविधान के अंतिम मालिक हैं। उनसे ऊपर कोई प्राधिकारी नहीं हो सकता। दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक प्रधानमंत्री जिसने आपातकाल लगाया था उसे 1977 में जवाबदेह ठहराया गया था।

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    उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान। (फाइल फोटो)

    एजेंसी, नई दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान सामने आया है। उपराष्ट्रपति ने संविधान में निर्धारित भारतीय सरकार के ढांचे के भीतर न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र पर एक बार फिर सवाल उठाया है।

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    सांसद ही संविधान के अंतिम मालिक

    जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद सर्वोच्च है और सांसद ही संविधान के अंतिम मालिक है। उनसे ऊपर कोई प्राधिकारी नहीं हो सकता।

    दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक प्रधानमंत्री जिसने आपातकाल लगाया था, उसे 1977 में जवाबदेह ठहराया गया था। इसलिए, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि संविधान लोगों के लिए है और यह इसकी सुरक्षा का भंडार है।

    सुप्रीम कोर्ट पर उठाए थे सवाल

    बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहले भी सुप्रीम कोर्ट पर सवाल खड़े किए थे। दरअसल, तमिलनाडु विधानसभा से पारित कई विधेयकों के राज्यपाल के पास लंबित होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सवाल खड़े किए थे। 

    धनखड़ ने कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट देश के राष्ट्रपति को आदेश दे रहा है, इससे बुरा क्या होगा। उन्होंने कहा था कि अदालत ने फैसला सुनाया है कि अगर बिल पर राष्ट्रपति ने तय समयसीमा में फैसला नहीं लिया तो विधेयकों को अपने आप लागू माना जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि संसद को अदालत ही चलाना चाहती है। 

    वहीं, उपराष्ट्रपति ने संविधान के आर्टिकल 142 का जिक्र करते हुए कहा था कि इसके तहत अदालत के हाथ परमाणु लग गया है। दरअसल, इस आर्टिकल के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट जनहित में कोई भी फैसला ले सकता है, जो पूरे देश पर लागू होता है। 

    संसद ही सुप्रीम

    धनखड़ ने आगे कहा कि निर्वाचित सांसद ही संविधान को लेकर अंतिम स्वामी हैं। संविधान में संसद से ऊपर किसी प्राधिकारी की कल्पना नहीं की गई है। संसद सर्वोच्च है और ऐसी स्थिति में यह देश के प्रत्येक व्यक्ति जितना ही सुप्रीम है।

    बता दें कि हाल ही में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ कानून को लेकर टिप्पणी की आलोचना की थी और कहा था कि अगर ऐसा ही है तो संसद को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जब सुप्रीम पावर कोर्ट के पास ही है तो संसद की क्या जरूरत है।