बांग्लादेश में अशांति के बीच बंद हुई जगदल जूट मिल बंद, 5,000 श्रमिक हुए बेरोजगार
बांग्लादेश में अशांति के कारण कच्चे जूट की आपूर्ति बाधित होने से उत्तर 24 परगना जिले की जगदल जूट मिल बंद हो गई है। परिणामस्वरूप, लगभग 5,000 श्रमिक बेर ...और पढ़ें

बंद हुई जगदल जूट मिल बंद (सांकेतिक फोटो)
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राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बांग्लादेश में अशांति के चलते कच्चे जूट की आपूर्ति में कमी के कारण उत्तर 24 परगना जिले की जगदल जूट मिल बंद हो गई है, जिससे करीब 5,000 श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं।
सोमवार सुबह जब श्रमिक काम पर आए तो उन्होंने मिल के गेट पर 'सस्पेंशन आफ वर्कÓ (कार्य स्थगन) का नोटिस लटका देखा। नोटिस में आगे लिखा था कि कच्चे जूट की कीमत में बहुत अधिक बढ़ोतरी और उसकी आपूर्ति में कमी की वजह से जगदल जूट एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है।
मिल बंद रहने तक अस्थायी मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलेगी। नोटिस देखकर श्रमिकों में आक्रोश फैल गया और उन्होने विरोध-प्रदर्शन किया। श्रमिकों ने मांग की कि मिल प्रबंधन कार्य-स्थगन वापस लेकर उनकी नौकरी बहाल करें, नहीं तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए मिल परिसर में पुलिस बल को तैनात किया गया है। मालूम हो कि यह जूट मिल बैरकपुर-घोषपाड़ा रोड पर है। यहां तीन शिफ्ट में करीब 5000 श्रमिक काम करते थे। पिछले सप्ताह से उत्पादन कम हो गया था। मिल दो शिफ्ट में चल रही थी।
मिल के श्रमिक संगठन के संयुक्त सचिव बिनय कुमार मंडल ने कहा कि अगर कच्चे जूट की कमी थी तो मिल के अधिकारी मजदूरों से बात करके उन्हें बता सकते थे। ऐसा करने के बजाय उन्होंने सप्ताह के पहले कार्य दिवस पर नोटिस क्यों लगाया? इसके पीछे मालिकों और प्रबंधन की साजिश है।
वहीं कुछ का कहना है कि कच्चे जूट की कमी के पीछे बांग्लादेश के साथ कूटनीतिक मतभेद हैं। भारत और बांग्लादेश दोनों ही जूट के व्यापार में एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
बांग्लादेश में अशांति के बीच ढाका ने हाल में कच्चे जूट के निर्यात पर रोक लगा दी है। इस वजह से भारत के जूट उद्योग में गहरे संकट की आशंका है।

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