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    वयस्कों के लिए आधार कार्ड बनवाना नहीं रहेगा आसान; UIDAI अब पासपोर्ट, पैन और राशन कार्ड डाटा का करेगा उपयोग

    भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) भविष्य में वयस्कों के नामांकन और आधार को विश्वसनीय बनाए रखने के लिए अपडेट के लिए पासपोर्ट राशन कार्ड जन्म और मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्रों के ऑनलाइन डेटाबेस का उपयोग करने जा रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि अब किसी भी अवैध अप्रवासी के लिए आधार प्राप्त करना मुश्किल होगा क्योंकि आधार नामांकन प्रक्रिया में कड़े बदलाव किया जा रहे हैं।

    By Digital Desk Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 11 Jul 2025 06:32 AM (IST)
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    यह ग्राफिकल तस्वीर प्रतीकात्मक उपयोग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनवाई गई है।

     डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वहां मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा है। इस मुद्दे पर विपक्ष और सरकार आमने सामने हैं, वहीं विपक्ष इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गया है।

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    सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने यह कहा है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं है बल्कि पहचान के प्रमाण के रूप में माना गया है। इस तरह के मुद्दे पहले भी सामने आ चुके हैं। वहीं, अब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार नियमों को कड़ा करने जा रहा है।

    वयस्कों के आधार नामांकन या अपडेट के लिए नियम होंगे कड़े

    भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) भविष्य में वयस्कों के नामांकन और आधार को विश्वसनीय बनाए रखने के लिए अपडेट के लिए पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म और मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्रों के ऑनलाइन डेटाबेस का उपयोग करने जा रहा है।

     पिछले 15 वर्षों में, 140 करोड़ से अधिक आधार बनाए गए

    आधार अधिनियम की धारा 9 में कहा गया है कि यह नागरिकता या निवास का प्रमाण नहीं है, लेकिन नए उपाय यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि केवल नागरिक ही विशिष्ट संख्या प्राप्त करें। पिछले 15 वर्षों में, 140 करोड़ से अधिक आधार बनाए गए हैं, जिनमें मृत लोगों के आधार भी शामिल हैं, और लगभग वयस्कों की संख्या ही अधिक है।

    वयस्क पंजीकरण के मानदंडों को कड़ा करेगा यूआईडीएआई

    अब शिशुओं को भी जन्म के तुरंत बाद आधार मिल रहा है, इसलिए सरकार ने नए वयस्क पंजीकरण के मानदंडों को कड़ा करने का निर्णय लिया है। पिछले कुछ वर्षों से, जाली या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध प्रवासियों द्वारा विशिष्ट पहचान पत्र प्राप्त करने के प्रयासों को विफल करने के लिए, राज्यों पर पहचान पत्रों के सत्यापन की जिम्मेदारी रही है और आधार केवल राज्य पोर्टल के माध्यम से कड़ी जांच के बाद ही जारी किया जाता है।

    अवैध अप्रवासी के लिए आधार प्राप्त करना मुश्किल होगा

    अतीत में, अवैध प्रवासियों द्वारा आधार प्राप्त करने और फिर उसका उपयोग अन्य पहचान पत्रों सहित अन्य उद्देश्यों के लिए करने को लेकर चिंताएं सामने आई हैं। एक अधिकारी ने तर्क दिया कि अब किसी भी अवैध अप्रवासी के लिए आधार प्राप्त करना मुश्किल होगा, क्योंकि आधार नामांकन प्रक्रिया में कड़े बदलाव किया जा रहे हैं।

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