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    राज्यसभा में एकजुट विपक्ष पर भी भारी BJP, कांग्रेस के समर्थन के बाद भी अध्यादेश को वापस कराना नहीं होगा आसान

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Wed, 19 Jul 2023 08:24 AM (IST)

    दिल्ली सरकार के अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) को कांग्रेस का समर्थन मिलते ही पक्ष-विपक्ष की शक्ति का आकलन किया जाने लगा है। लेकिन लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी संख्या बल के हिसाब से विपक्ष के आगे भाजपा कमजोर पड़ती नहीं दिख रही है। उच्च सदन में पहली बार भाजपा सदस्यों की संख्या इतनी हुई है।

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    राज्यसभा में एकजुट विपक्ष पर भी भारी BJP।

    नई दिल्ली, अरविंद शर्मा। दिल्ली सरकार के अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) को कांग्रेस का समर्थन मिलते ही पक्ष-विपक्ष की शक्ति का आकलन किया जाने लगा है। लेकिन, लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी संख्या बल के हिसाब से विपक्ष के आगे भाजपा कमजोर पड़ती नहीं दिख रही है। उच्च सदन में पहली बार भाजपा सदस्यों की संख्या इतनी हुई है।

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    भाजपा को आठ सदस्यों की पड़ेगी जरूरत

    ऐसे में मानसून सत्र के दौरान यदि अध्यादेश पर मतदान की स्थिति आती भी है तो संयुक्त विपक्ष पर भाजपा भारी पड़ने की स्थिति में है। हालांकि, अध्यादेश को पारित कराने के लिए उसे अन्य दलों का भी सहारा लेने की जरूरत पड़ जाएगी, क्योंकि उसके पास आठ सदस्य कम पड़ रहे हैं।

    अभी राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 237 है। ऐसे में किसी भी अध्यादेश को पारित कराने के लिए कम से कम 119 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी, जबकि भाजपा के सिर्फ 92 सदस्य ही हैं। यदि मनोनीत पांच सदस्यों को भी शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 97 पर पहुंच जाती है।

    एआइएडीएमके के चार सदस्यों के साथ अन्य सहयोगी दलों को मिलाकर एनडीए की कुल शक्ति 111 सदस्यों की हो जाती है। स्पष्ट है कि उसे पर्याप्त संख्या तक पहुंचने के लिए आठ सदस्य और चाहिए। इस स्थिति से उसे भाजपा एवं कांग्रेस से समान दूरी बनाकर चल रहे बीजद एवं वाईएसआरपी से सहारा मांगने की जरूरत पड़ जाएगी।

    इन दलों की भूमिका पर होगी नजर

    बसपा, जेडीएस एवं टीडीपी के सदस्यों की भूमिका भी परिणाम को प्रभावित कर सकती है। उच्च सदन में सदस्यों की संख्या के लिहाज से कांग्रेस दूसरे नंबर पर है, जिसके पास 30 सदस्य हैं। अध्यादेश का प्रबल विरोध कर रहे आम आदमी पार्टी के पास 10 और तृणमूल कांग्रेस के पास 13 सदस्य हैं। विपक्ष के सभी दलों को मिलाकर कुल सदस्यों की संख्या 98 हो जाती है। स्पष्ट है कि अध्यादेश को वापस कराने के लिए जरूरी संख्या से विपक्ष काफी दूर है।

    राज्यसभा की स्थिति

    • भाजपा - 92
    • मनोनीत- 5
    • एआईएडीएमके- 4
    • आरपीएफ (अठावले)- 1
    • नेशनल पीपुल्स पार्टी- 1
    • असम गण परिषद- 1
    • मिजो नेशनल फ्रंट- 1
    • पट्टाली मक्कल काची- 1
    • सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट- 1
    • टीएमसी (मूपनार)- 1
    • यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी (लिबरल)- 1
    • राकांपा - 1
    • निर्दलीय एवं अन्य- 1
    • कुल- 111

    विपक्ष

    • कांग्रेस- 30
    • तृणमूल कांग्रेस- 13
    • आम आदमी पार्टी- 10
    • डीएमके- 10
    • राजद- 6
    • माकपा - 5
    • जदयू - 5
    • एनसीपी- 3
    • समाजवादी पार्टी- 3
    • निर्दलीय एवं अन्य- 2
    • शिवसेना- 3
    • भाकपा - 2
    • झामुमो- 2
    • रालोद - 1
    • इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग- 1
    • केरल कांग्रेस (एम)- 1
    • मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम- 1
    • कुल- 98

    अन्य दल

    • बीजद - 9
    • वाईएसआर कांग्रेस- 9
    • बीआरएस- 7
    • बसपा - 1
    • जेडीएस - 1
    • टीडीपी- 1
    • कुल- 28