Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुप्रीम कोर्ट में नए संसद भवन पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक में बदलाव की मांग वाली याचिका खारिज

    By AgencyEdited By: Monika Minal
    Updated: Fri, 30 Sep 2022 02:01 PM (IST)

    नए संसद भवन यानि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक में दिख रहे शेरों को मूल स्वरूप से अलग बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी कि इसे तत्काल प्रभाव से बदल दिया जाए।

    Hero Image
    सुप्रीम कोर्ट में नए संसद भवन पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक में बदलाव की मांग वाली याचिका खारिज

    नई दिल्ली, आइएएनएस। 'सेंट्रल विस्टा पर लगाए गए प्रतिकृति में शेर देखने वालों की सोच पर निर्भर करता है', यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज कर दी गई।  नए संसद भवन पर लगी प्रतिकृति में  शेरों को मूल स्वरूप से अलग होने की बात कही गई थी। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की गई थी जिसे शुक्रवार खारिज कर दिया गया। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र अपनी गलती को सुधार राष्ट्रीय प्रतीक को सही कर दे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम का उल्लंघन

    हाल में ही नई दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लगाए गए शेरों को मूल स्वरूप से अलग बताया गया। जस्टिस एमआर शाह और कृष्ण मुरारी की बेंच ने याचिकाकर्ताओं के वकील से सवाल किया, 'तो आप डिजायन का फैसला देंगे? यह आप पर निर्भर करता है कि उसे कैसे देखते हैं। ' बेंच ने आगे कहा कि छवि या इंप्रेशन उसके दिमाग और सोच पर निर्भर करता है। बेंच ने कहा कि इसे किसी प्राविधान के खिलाफ नहीं बताया जा सकता और न ही राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम का उल्लंघन कहा जा सकता है।

    मूल स्वरूप से है अलग

    यह याचिका दो वकीलों अल्दानिशन रेन (Aldanish Rein) और रमेश कुमार मिश्रा (Ramesh Kumar Mishra) ने दायर की थी। याचिका में शीर्ष कोर्ट से अपील की गई थी कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लगाए गए राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को सुधारने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश जारी किया जाए। याचिका में राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अधिनियम, 2005 का भी हवाला दिया गया था। याचिका के अनुसार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लगा राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अपने मूल स्वरूप से बिल्कुल अलग है जो स्पष्ट दिखता है।

    शांत व सौम्य शेरों की जगह दिख रहे क्रूर शेर- याचिका

    याचिका में कहा गया कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर लगाए गए राष्ट्रीय प्रतीक में दिख रहे शेर सारनाथ म्यूजियम में संरक्षित प्रतीक के शेरों से अलग हैं। इसमें कहा गया कि अशोक स्तंभ के मूल स्वरूप से अलग होने और शांत सौम्य शेरों की जगह गुस्सैल शेर प्रदर्शित किया गया है जो राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है और इसे तत्काल बदलाव की जरूरत है। याचिका में कहा गया कि आध्यात्मिक और दार्शनिक मायने के मद्देनजर अशोक स्तंभ को भारत का राष्ट्रीय प्रतीक बनाया गया था। इसमें यह भी कहा गया कि यह प्रतीक केवल ग्राफिक डिजाइन नहीं है बल्कि यह सांस्कृतिक व दार्शनिक मायनों के साथ है जिसमें बदलाव अवैध है।

    शेर पर मचा शोर! अशोक स्तंभ की डिजाइन पर क्यों मचा है बवाल? जानें- राष्ट्रीय चिह्न की प्रतिकृति बनाने वाले देवरे ने क्या कहा

    संसद में अशोक स्‍तंभ पर नया विवाद, शेरों को लेकर विपक्ष ने जताई आपत्ति; सरकार ने दिया जवाब

    comedy show banner