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    अंतरिक्ष के सफर पर निकलेगा ब्ल्यूबर्ड- ब्लॉक-2, इसरो के 'बाहुबली' रॉकेट से होगी लॉन्चिंग

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 11:29 PM (IST)

    इसरो का 'बाहुबली' रॉकेट एलवीएम-3 अमेरिकी सैटेलाइट ब्ल्यूबर्ड- ब्लॉक-2 को लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए तैयार है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया ...और पढ़ें

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इसरो का 'बाहुबली' रॉकेट एलवीएम-3 अमेरिकी सैटेलाइट ब्ल्यूबर्ड- ब्लॉक-2 को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलवार को बताया कि एलवीएम-3 एम6 मिशन के तहत होने वाले इस प्रक्षेपण के लिए 24 घंटे की उलटी गिनती शुरू हो गई है।

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    लांच व्हीकल मार्क3 (एलवीएम3) भारत का सबसे शक्तिशाली राकेट है। इसलिए इस राकेट को बाहुबली रॉकेट भी कहते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की योजना के अनुसार बुधवार को श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र के से सुबह 8:54 बजे एलवीएम-3 एम6 रॉकेट नई पीढ़ी के अमेरिकी संचार सेटेलाइट ब्ल्यूबर्ड- ब्लॉक-2 के साथ अंतरिक्ष के सफर पर रवाना होगा। यह एलवीएम3 की छठी परिचालन उड़ान होगी।

    लांचिंग के लगभग 15 मिनट बाद ब्ल्यूबर्ड ब्लॉक-2 के रॉकेट से अलग होने की उम्मीद है। अगली पीढ़ी के इस संचार उपग्रह को एएसटी स्पेसमोबाइल के साथ हुए वाणिज्यिक समझौते के तहत लांच किया जाएगा। इसरो ने कहा कि 6,100 किलोग्राम वजनी यह सेटेलाइट एलवीएम3 रॉकेट से लो अर्थ आर्बिट (एलईओ) में प्रक्षेपित किया जाने वाला सबसे भारी पेलोड होगा।

    इससे पहले सबसे भारी पेलोड एलवीएम-3-एम5 संचार उपग्रह सीएमएस-03 था। इसका वजन लगभग 4,400 किलोग्राम है। इसे इसरो ने दो नवंबर को लांच किया था। 4,410 किलोग्राम वजनी सीएमएस-03 भारत का सबसे भारी स्वदेशी संचार उपग्रह है।

    कमर्शियल मिशन के तहत होगी ब्ल्यूबर्ड ब्लाक-2 की लांचिंग

    ब्ल्यूबर्ड ब्लाक-2 की लांचिंग इसरो की कमर्शियल शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआइएल) के जरिये की जाएगी। इसके लिए अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल (एएसटी एंड साइंस, एलएलसी) ने एनएसआइएल के साथ करार किया था।

    दुनियाभर में बढ़ेगी डिजिटल कनेक्टिविटी

    इस मिशन में अगली पीढ़ी के संचार उपग्रह को तैनाती से दुनियाभर में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी और स्मार्टफोन को 4जी और 5जी मोबाइल ब्राडबैंड सेवा सीधे मिल सकेगी।

    पहला अंतरिक्ष-आधारित सेलुलर ब्राडबैंड नेटवर्क बना रही एएसटी स्पेसमोबाइल

    एएसटी स्पेसमोबाइल कंपनी पहला और एकमात्र अंतरिक्ष-आधारित सेलुलर ब्राडबैंड नेटवर्क बना रही है, जिसका उपयोग स्मार्टफोनों द्वारा सीधे किया जा सकता है। इसे कमर्शियल तथा सरकारी उपयोगों के लिए डिजाइन किया गया है।

    ब्ल्यूबर्ड ब्लाक-2 मिशन वैश्विक निम्न पृथ्वी कक्षा के सेटेलाइट के समूह का हिस्सा है, जिससे सेटेलाइट के माध्यम से सीधे मोबाइल कनेक्टिविटी सुविधा मिलेगी। इससे 4जी और 5जी वायस और वीडियो कॉल, टेक्स्ट, स्ट्रीमिंग हर वक्त संभव होगा। ब्ल्यूबर्ड ब्लाक-2 में 223 वर्ग मीटर का फेज एरे है। यह पृथ्वी की निचली कक्षा में तैनात होने वाला सबसे बड़ा कमर्शियल संचार सेटेलाइट है।

    एएसटी स्पेसमोबाइल 2024 में लांच किए थे पांच सेटेलाइट एएसटी स्पेसमोबाइल सितंबर 2024 में पांच सेटेलाइट (ब्ल्यूबर्ड 1-5) को लांच किया, जो अमेरिका और अन्य कुछ देशों में निरंतर इंटरनेट कवरेज में मदद कर रहे हैं। अमेरिका स्थित इस कंपनी ने अपने नेटवर्क को बढ़ाने के लिए इसी तरह के सेटेलाइट को लांच करने की योजना बनाई है।

    इसरो अध्यक्ष ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में की पूजा लांचिंग से पहले इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने मंगलवार को तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा की।

    बाहुबली प्रक्षेपण यान की खूबियां

    • जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हीकल (जीएसएलवी) एमके3 भी कहा जाता है
    • 8000 किलोग्राम तक के पेलोड लोअर अर्थ आर्बिट (एलईओ) में ले जाने में सक्षम
    • 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर चुका है 43.5 मीटर ऊंचा यह रॉकेट
    • एलवीएम-3 ने चंद्रयान-2 और 72 उपग्रहों के साथ दो वनबेब मिशनों को भी लांच कर चुका है
    • तीन चरणों वाला यह रॉकेट पिछले महीने स्वदेशी संचार उपग्रह सीएमएस-03 को कक्षा में ले गया था।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)