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    ISRO: इसरो ने सेमी क्रायोजेनिक इंजन का किया सफल परीक्षण, भविष्य के प्रक्षेपण यानों में किया जाएगा इस्तेमाल

    By AgencyEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Thu, 11 May 2023 06:20 PM (IST)

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सेमी क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया है जिनका इस्तेमाल भविष्य में प्रक्षेपण यानों में होगा। यह 2000 किलोन्यूटन बल का इंजन विकसित करने की दिशा में पहला कदम है जो तरल आक्सीजन और किरोसिन प्रणोदक के समिश्रण से काम करेगा। फोटो- एएनआई।

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    इसरो ने सेमी क्रायोजेनिक इंजन का किया सफल परीक्षण। फोटो- एएनआई।

    बेंगलुरु, पीटीआई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सेमी क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया है, जिनका इस्तेमाल भविष्य में प्रक्षेपण यानों में होगा। बेंगलुरु स्थित इसरो के मुख्यालय से जारी बयान में कहा गया कि तमिलनाडु के महेंद्रगिरी के इसरो प्रोपल्सन काप्लेक्स (आइपीसीआर)में बुधवार को 2000 किलोन्यूटन ताकत वाले सेमी क्रायोजेनिक इंजन का मध्यवर्ती विन्यास पर पहला एकीकृत परीक्षण किया गया।

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    2000 किलोन्यूटन बल का इंजन विकसित करने की दिशा में इसरो ने बढ़ाया पहला कदम

    बयान में कहा गया है कि यह 2000 किलोन्यूटन बल का इंजन विकसित करने की दिशा में पहला कदम है जो तरल आक्सीजन (एलओएक्स) और किरोसिन प्रणोदक के समिश्रण से काम करेगा, जिसका इस्तेमाल भविष्य के प्रक्षेपण यानों में किया जाएगा। बयान के अनुसार, यह कम दबाव और उच्च दबाव वाले टर्बो-पंप, गैस जनरेटर और नियंत्रण घटकों सहित प्रणोदक फीड प्रणाली के डिजाइन को परखने के लिए कई परीक्षण किए जाएंगे जिनमें से यह पहला था।

    15 घंटे तक चला परीक्षण

    इसरो ने बताया कि परीक्षण 15 घंटे तक चला और इस अवधि में इंजन ने शुरू होने के बाद से सभी मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया। एलओएक्स सर्किट के ठंडा होने के बाद किरोसिन का फीड सर्किट भरा गया था और एलओएक्स को इंजेक्शन वाल्व खोलकर गैस जनरेटर में प्रवेश कराया गया था। यह सफल परीक्षण आगे के परीक्षणों की श्रृंखला में मददगार साबित होगा।

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