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    गगनयान मानव मिशन की दिशा में इसरो का पहला प्रयास, अंतरिक्ष में भेजा क्रू मॉड्यूल

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 23 Jan 2025 02:32 AM (IST)

    इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी) ने लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम के एकीकरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद गगनयान के पहले मानवरहित मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल को अंतरिक्ष की कक्षा के लिए रवाना किया है। गगनयान अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने की क्षमता हासिल करने की दिशा में इसरो का पहला प्रयास है। क्रू मॉड्यूल सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया।

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    क्रू मॉड्यूल सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया (फोटो- इसरो)

    पीटीआई, बेंगलुरु। इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी) ने लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम के एकीकरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद गगनयान के पहले मानवरहित मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल को अंतरिक्ष की कक्षा के लिए रवाना किया है।

    इस दिशा में इसरो का पहला प्रयास

    गगनयान अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने की क्षमता हासिल करने की दिशा में इसरो का पहला प्रयास है। इसरो गगनयान परियोजना के तहत मानवयुक्त चालक दल को रवाना करने से पहले अंतरिक्ष में एक मानवरहित मिशन भेजने की योजना बना रहा है।

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    क्रू मॉड्यूल एक पूर्ण स्वायत्त अंतरिक्षयान

    क्रू मॉड्यूल एक पूर्ण स्वायत्त अंतरिक्षयान है, जिसे तीन सदस्यीय चालक दल को अंतरिक्ष की कक्षा में ले जाने और मिशन अवधि पूरी होने के बाद धरती पर सुरक्षित रूप से वापस लाने के लिए डिजाइन किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बेंगलुरु स्थित एलपीएससी ने क्रू मॉड्यूल को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया।

    इसरो के अनुसार, क्रू मॉड्यूल प्रोपल्शन प्रणाली (सीएमपीएस) एक बाई-प्रोपेलेंट आधारित प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) है, जिसे क्रू मॉड्यूल को सटीक 3-अक्ष नियंत्रण (पिच, या और रोल) प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।

    इस प्रणाली का किया गया इस्तेमाल

    इसरो ने कहा कि इस प्रणाली में 12 100एन थ्रस्टर, उच्च दबाव वाली गैस बोतलों के साथ दबाव प्रणाली और संबंधित द्रव नियंत्रण घटकों के साथ प्रणोदक प्रवाह प्रणाली शामिल है। अधिकारियों के अनुसार, 100एन थ्रस्टर रॉकेट मोटर हैं, जिनका इस्तेमाल अंतरिक्ष यान में प्रणोदन के लिए किया जाता है।

    जमीनी परीक्षण का काम पूरा

    जमीनी और हवाई परीक्षण से इंसानी सुरक्षा जरूरतों के अनुरूप इनकी क्षमता सुनिश्चित की जा चुकी है। इसके अलावा बेहद विश्वसनीय क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) ने इसरो द्वारा बनाई गई मानव मिशन की योजना को लेकर भी भरोसा बढ़ाया है। कक्षा में मॉड्यूल लगने से पहले सीईएस किसी भी चरण में मानव दल को अलग होने की सुविधा देता है। एचएलवीएम3 तीन चरणों वाला 53 मीटर लंबा और 640 टन वजनी व्हीकल है और इसकी पेलोड क्षमता 10 टन है। इसे अतिसुरक्षित बनाया गया है और कई अतिरिक्त चीजें लगाई गई हैं जिससे यह गगनयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

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