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    Aditya L1 Mission: सूर्य के और नजदीक पहुंचा भारत का पहला सोलर मिशन, तीसरी बार आदित्य एल1 ने बदली कक्षा

    इसरो ने बताया कि भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 ने आज तड़के तीसरी बार अपनी कक्षा सफलतापूर्वक बदल ली है। इसरो के मुताबिक आदित्य एल1 की नई कक्षा 296 किमी x 71767 किमी है। इसका मतलब है कि अब यह जिस कक्षा में है उससे पृथ्वी की न्यूनतम दूरी 296 किमी और अधिकतम दूरी 71767 किमी है। अगली बार 15 सितंबर को फिर से कक्षा बदली जाएगी।

    By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 10 Sep 2023 04:35 AM (IST)
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    Aditya L1 mission: आदित्य एल1 ने तीसरी बार बदली कक्षा

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Aditya L1 Mission Update: भारत का पहला सोलर मिशन (Solar Mission) आदित्य एल1 सूर्य के और नजदीक पहुंच गया है। उसने तीसरी बार अपनी कक्षा बदली है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को यह जानकारी दी।

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    बेंगलुरु से कक्षा बदलने की प्रक्रिया को किया गया निर्देशित

    इसरो ने रविवार को बताया कि आदित्य-एल1 ने तीसरी बार पृथ्वी की कक्षा सफलतापूर्वक बदल ली है। बेंगलुरु में इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क से कक्षा बदलने की प्रक्रिया को निर्देशित किया गया था। मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में स्थित इसरो के ग्राउंड स्टेशनों से आदित्य एल1 (Aditya L1) के कक्षा बदलने के दौरान उपग्रह को ट्रैक किया गया।

    15 सितंबर को चौथी बार बदली जाएगी कक्षा

    इसरो के मुताबिक, आदित्य एल1 की नई कक्षा 296 किमी x 71767 किमी है। यानी अब यह जिस कक्षा में है, उससे पृथ्वी की न्यूनतम दूरी 296 किमी और अधिकतम दूरी 71767 किमी है। अगली बार 15 सितंबर को तड़के दो बजे फिर से कक्षा बदली जाएगी। 

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    आदित्य एल1 को कब लॉन्च किया गया?

    आदित्य एल1 को दो सितंबर की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया।  यह 15 लाख किमी दूर एल1 प्वाइंट पर जाएगा और सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाएगा।

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    आदित्य एल1 ने पहली बार कक्षा कब बदली?

    आदित्य एल1 ने पहली बार तीन सितंबर को अपनी कक्षा बदली। इसके बाद दूसरी बार इसकी कक्षा पांच सितंबर को बदली गई। इसरो चरणबद्ध तरीके से आदित्य को गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर पहुंचाएगा।