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    ISRO पुन: उपयोग वाले प्रक्षेपण यान के पहले रनवे लैंडिंग प्रयोग के लिए तैयार, मौसम पर रखी जा रही नजर

    Indian Space Research Organization भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में स्थित अंतरिक्ष परीक्षण रेंज से पुन इस्तेमाल योग्य प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी प्रदर्शक (आरएलवी-टीडी) के पहले रनवे लैंडिंग प्रयोग (आरएलवी-एलईएक्स) के लिए पूरी तरह से तैयार है।

    By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Wed, 09 Nov 2022 07:06 AM (IST)
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    ISRO पुन: उपयोग वाले प्रक्षेपण यान के पहले रनवे लैंडिंग प्रयोग के लिए तैयार (फाइल फोटो)

    बेंगलुरु, एजेंसी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में स्थित अंतरिक्ष परीक्षण रेंज से पुन: इस्तेमाल योग्य प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी प्रदर्शक (आरएलवी-टीडी) के पहले रनवे लैंडिंग प्रयोग (आरएलवी-एलईएक्स) के लिए तैयार है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने यह संकेत देते हुए कहा है कि मौसम पर नजर रखी जा रही है।

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    मौसम पर रखी जा रही नजर

    इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने यहां कहा कि, 'हम मौसम पर नजर रख रहे हैं। मौसम अभी सही नहीं है। इसलिए हम इंतजार कर रहे हैं कि हवा और अन्य प्रणालियां अनुकूल हो जाएं। हम यह जल्द ही करेंगे।' इसरो के अधिकारियों के अनुसार, आरएलवी विंग बॉडी को एक हेलीकाप्टर की मदद से तीन से पांच किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाया जाएगा और क्षैतिज वेग के साथ रनवे से करीब चार से पांच किलोमीटर पहले छोड़ा जाएगा।

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    लैंडिंग के लिए नई प्रणालियां की गई विकसित

    छोड़े जाने के बाद आरएलवी उड़ान भरेगा, रनवे की तरफ आएगा और चित्रदुर्ग के पास रक्षा विभाग के एक क्षेत्र में लैंडिंग गियर के साथ स्वत: ही उतरेगा। एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि लैंडिंग गियर, पैराशूट, हुक बीम असेंबली, रडार अल्टीमीटर और सियुडोलाइट जैसी नई प्रणालियां विकसित की गई हैं। इसरो ने अपने पहले आरएलवी-टीडी एचईएएक्स-01 (हाइपरसोनिक फ्लाइट एक्सपेरिमेंट-01) मिशन को 23 मई, 2016 को एसडीएससी एसएचएआर के साथ भेजा था तथा डिजाइन व परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया था।

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