इसरो ने दूसरी बार ठीक किया मंगल यान का पथ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने 'मार्स ऑर्बिटर' अंतरिक्षयान के पथ का दूसरी बार समायोजन किया है।
चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दूसरी बार मंगल यान के पथ को ठीक करते हुए उसे सही रास्ते पर पहुंचा दिया है। आमतौर पर ये अभ्यास बहुत मुश्किल होता है, जिसमें दूसरी एजेंसियों के कई मंगल मिशन को नाकामी का मुंह देखना पड़ा है।
पथ को ठीक करने यानि टेजेक्ट्री करेक्शन मैनूवर (टीसीएम-2) को 11 जून को शाम साढ़े चार बजे अंजाम दिया गया। इसके लिए मंगल यान के 22 'न्यूटन' प्रक्षेपकों को 16 सेकेंड के लिए दागा गया। इसरो के बयान में कहा गया है कि इस समय अंतरिक्षयान और पृथ्वी के रेडियो दूरी 10.2 करोड़ किलोमीटर है। अब पृथ्वी से अंतरिक्षयान तक रेडियो सिगनल पहुंचने में 340 सेकेंड लगते हैं। इसरो ने पहले घोषणा की थी कि अप्रैल में निर्धारित टीसीएम जरूरी नहीं है और इसे जून के लिए स्थगित कर दिया गया है। अंतरिक्षयान अब तक 46.6 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर चुका है। इसकी कुल यात्रा 68 करोड़ किलोमीटर की है। इसरो का कहना है कि वह इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (आइडीएसएन) के माध्यम से मंगल यान की लगातार निगरानी कर रहा है। इस अंतरिक्षयान में मौजूद पांच वैज्ञानिक उपकरण अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।