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    के सिवन बोले, नहीं होगा इसरो का निजीकरण, सरकार के सुधार साबित होंगे बड़े गेम चेंजर

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Thu, 20 Aug 2020 06:49 PM (IST)

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख डॉ के. सिवन (K Sivan) ने कहा कि इसरो का निजीकरण नहीं होगा। सरकार के सुधार बड़े गेम-चेंजर साबित होंगे। ...और पढ़ें

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    के सिवन बोले, नहीं होगा इसरो का निजीकरण, सरकार के सुधार साबित होंगे बड़े गेम चेंजर

    नई दिल्‍ली, एएनआइ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख डॉ के. सिवन (K Sivan) ने कहा कि इसरो का निजीकरण नहीं होगा। सरकार के सुधार बड़े गेम-चेंजर साबित होंगे। इसरो की ओर से आयोजित वेबीनार 'अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की क्षमता को उन्मुक्त करना' (Unlocking India's Potential in Space Sector) में इसरो चीफ सिवन ने कहा कि इसरो को लेकर भी कई तरह के भ्रम फैले हुए हैं। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि इसरो का निजीकरण नहीं हुआ है। असल में पूरी व्यवस्था में निजी क्षेत्र को स्पेस गतिविधि में शामिल करने की है और यह काम इसरो ही कर रहा है। 

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    दरअसल सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने की घोषणा की है। निजी कंपनियों की गतिविधियों की निगरानी और उन्हें इसकी इजाजत देने के लिए इंडियन स्पेस प्रोमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर का गठन किया जाना है। इसरो प्रमुख ने कहा कि सरकार की ओर से स्पेस के क्षेत्र में किए गए सुधार भविष्य में गेमचेंजर साबित होने जा रहे हैं। आने वाले दिनों में इसरो उत्पादन की बजाय अनुसंधान एवं विकास, क्षमता विस्तार और प्रौद्योगिकी विस्तार पर ज्‍यादा ध्‍यान देगा। हम आत्मनिर्भर भारत के मद्देनजर स्व निर्भरता पर ध्‍यान केंद्र‍ित कर रहे हैं। इसके लिए निजी कंपनियों की भागीदारी बेहद महत्‍वपूर्ण होगी।

    इसरो प्रमुख का यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब कुछ ही दिन पहले हैदराबाद स्थित स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) ने ऊपरी चरण के रॉकेट इंजन का सफल परीक्षण किया है। इस रॉकेट इंजन का नाम रमण रखा गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation, ISRO) के पूर्व वैज्ञानिकों द्वारा स्थापित स्काईरूट का दावा है कि यह इंजन कई उपग्रहों को एक ही बार में अलग-अलग कक्ष में स्थापित कर सकता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, स्काईरूट भारत का पहला निजी अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान बना रही है।