Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandrayaan-3: क्या अभी भी जाग सकता है प्रज्ञान रोवर? इसरो प्रमुख ने दिया बड़ा अपडेट

    By AgencyEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Thu, 19 Oct 2023 11:42 PM (IST)

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर गहरी नींद में सो गया है। लेकिन इसके नींद से जागने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। इसरो प्रमुख ने बताया कि मिशन से जुड़े विज्ञानियों ने सभी जरूरी डाटा एकत्र कर लिए हैं।

    Hero Image
    चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो गया हैः इसरो प्रमुख (फोटो- इसरो)

    पीटीआई, कोच्चि। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर गहरी नींद में सो गया है। लेकिन इसके नींद से जागने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसरो चीफ ने चंद्रयान-3 पर दिया बड़ा अपडेट

    इसरो प्रमुख ने बताया कि मिशन से जुड़े विज्ञानियों ने सभी जरूरी डाटा एकत्र कर लिए हैं। सोमनाथ ने कहा एक कार्यक्रम में कहा, अब यह वहां शांति से सो रहा है। इसे सोने दें। इसे परेशान न करें। जब यह अपने आप उठना चाहेगा, तो उठेगा।

    यह भी पढ़ेंः क्‍या होता है स्‍पेस स्‍टेशन जिसका PM Modi ने ISRO को दिया है टारगेट? जानें सभी जरूरी सवालों के जवाब

    प्रज्ञान रोवर के जगने की उम्मीद बाकीः इसरो प्रमुख

    यह पूछे जाने पर कि क्या इसरो को अब भी उम्मीद है कि रोवर फिर से जगेगा, सोमनाथ ने कहा, जब रोवर का परीक्षण माइनस 200 डिग्री सेल्सियस पर किया गया, तो यह उससे भी कम तापमान पर सक्रिय रहा। हालांकि, 42 दिनों के लंबे मिशन के दौरान रोवर को लैंडिंग के दौरान कुछ झटके लगे। रोवर विकिरण के संपर्क में भी आया। इन वजहों से प्रज्ञान को कुछ कठिनाई हो सकती है।

    चंद्रयान-3 ने पूरा किया अपना उद्देश्य

    उन्होंने कहा कि कई जटिल पहलुओं को देखते हुए प्रज्ञान के बारे में भविष्यवाणी करना कठिन है, लेकिन उसके जगने की उम्मीद खत्म नहीं हुई है। हालांकि, इसरो प्रमुख ने साफ किया कि चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो गया है। चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और साफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना, रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करना और चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करना था।

    चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद पर किया था लैंड

    गौरतलब है कि भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। भारत के अलावा अमेरिका, सोवियत संघ (रूस) और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे हैं, लेकिन भारत को छोड़कर कोई भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका है।

    यह भी पढ़ेंः '2040 में चांद पर पहला भारतीय, 2035 में भारतीय स्पेस स्टेशन', ISRO के साथ PM मोदी की रिव्यू मीटिंग