Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandrayaan-3 launch: इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा- चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण अगले साल जून में संभव

    By AgencyEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Thu, 20 Oct 2022 10:14 PM (IST)

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अगले साल जून में चंद्रयान-3 को लांच करने की तैयारी कर रहा है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण अगले साल जून में प्रक्षेपणयान मार्क-3 (LVM3) से किया जाएगा। उन्होंने कहा चंद्रयान-3 अब तैयार है।

    Hero Image
    चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण अगले साल जून में प्रक्षेपणयान मार्क-3 (LVM3) से किया जाएगा । (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अगले साल जून में चंद्रयान-3 को लांच करने की तैयारी कर रहा है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण अगले साल जून में प्रक्षेपणयान मार्क-3 (LVM3) से किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'चंद्रयान-3 अब तैयार है। यह चंद्रयान-2 की प्रतिकृति नहीं है। इसकी इंजीनियरिंग काफी अलग है। हमने इसमें काफी बदलाव किए हैं ताकि पिछली बार की तरह समस्या न हो।'

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छह परीक्षण उड़ानों का होगा संचालन

    मालूम हो कि सितंबर 2019 में चंद्रयान -2 मिशन पर विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण चंद्रमा पर रोवर उतारने का भारत का पहला प्रयास विफल हो गया। मानव अंतरिक्ष यान गगनयान पर सोमनाथ ने कहा कि इसरो मनुष्यों को अंतरिक्ष में ले जाने से पहले छह परीक्षण उड़ानों का संचालन करेगा।

    गगनयान मिशन की चल रही है तैयारी

    गगनयान मिशन की तैयारी चल रही है। दो एबार्ट उड़ान के बाद पहली गैर-चालक परीक्षण उड़ान संचालित की जाएगी। एबार्ट उड़ान में उन प्रणालियों का परीक्षण किया जाता है जो मिशन विफल होने की स्थति में चालक दल को अंतरिक्षयान की उड़ान के दौरान बचने में मदद करते हैं।

    बचत प्रणाली का किया जाएगा उपयोग 

    सोमनाथ ने कहा कि पहला Abort Mission ट्रांस-सोनिक परिस्थितियों में किए जाने की संभावना है जब अंतरिक्ष यान 10-15 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद ध्वनि की गति से यात्रा कर रहा हो। उन्होंने कहा कि एबार्ट मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को एक बचत प्रणाली का उपयोग करके प्रक्षेपण यान से चालक दल को रवाना किया जाएगा और चालक दल को पानी में ले जाने वाले कैप्सूल को भी उतारना होगा।

    कक्षा में जाएगा राकेट

    उन्होंने कहा कि एबार्ट मिशन अगर सफल रहा तो हम इसे एक बार फिर से दोहराएंगे, जिसके बाद हम एक मानव रहित मिशन के लिए जाएंगे। मानव मानव रहित मिशन एक पूर्ण राकेट मिशन होगा। यह कक्षा में जाएगा, फिर वापस आ जाएगा।

    यह भी पढ़ें- ISRO की होगी व्यावसायिक शुरुआत, LVM3 23 अक्टूबर को 36 वनवेब उपग्रहों को करेगा लान्च

    यह भी पढ़ें- चंद्रयान-2 ने पहली बार चंद्रमा पर सोडियम का पता लगाया, इसरो के आर्बिटर में लगे एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर को सफलता