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    Chandrayaan-3 की लॉन्चिंग पर ISRO चेयरमैन का बड़ा बयान, कहा- हम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में होंगे सक्षम

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Mon, 03 Jul 2023 04:28 PM (IST)

    चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग पर 3 जून (सोमवार) को इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा हम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होंगे। साथ ही उन्होंने चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की तारीख पर कहा कि इसका दिन 13 जुलाई है लेकिन यह 19 जुलाई तक भी जा सकता है। बता दें कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की जाएगी।

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    चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है-

    नई दिल्ली, एएनआई। Chandrayan 3: चंद्रयान-3 का काउंटडाउन शुरू हो गया है। जी हां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जुलाई के तीसरे सप्ताह में चंद्रयान-3 को लॉन्च करने वाला है। हालांकि, यह किस दिन लॉन्च होगा इसपर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, इस बीच इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ का चंद्रयान-3 को लेकर बड़ा बयान सामने आया है।

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    क्या कहा ISRO के चेयरमैन ने?

    चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग पर 3 जून (सोमवार) को इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होंगे। साथ ही उन्होंने चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की तारीख पर कहा कि इसका दिन 13 जुलाई है, लेकिन यह 19 जुलाई तक भी जा सकता है।"

    श्रीहरिकोटा से की जाएगी लॉन्चिंग

    आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की जाएगी। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के अनुसार, अंतरिक्ष के क्षेत्र में ये भारत की एक और बड़ी कामयाबी होगी। आपको बता दें कि यह चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने में एंड-टू-एंड क्षमता प्रदर्शित करने के लिए चंद्रयान -2 का अनुवर्ती मिशन है। इसमें लैंडर और रोवर कॉन्फिगरेशन है।

    क्या है Chandrayan 3 मिशन?

    Chandrayan 3 मिशन चंद्रयान-2 का ही फॉलोअप मिशन है। भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 के जरिए इस मिशन को हासिल करने की कोशिश की थी। हालांकि, इस मिशन में सफलता नहीं मिली थी, जिसके बाद चंद्रयान-3 की बात सामने आई और अब चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग होने वाली है। आपको बता दें कि चंद्रयान का लैंडर विक्रम चंद्रमा पर लैंड करने से पहले ही कुछ किमी की ऊंचाई पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दौरान लैंडिंग साइट से संपर्क टूटने के कारण लैंडिंग सफलतापूर्वक नहीं हो पाई थी।