ISRO ने रचा कीर्तिमान, 'बाहुबली' LVM3 से सबसे भारी सैटेलाइट ब्लूबर्ड-2 लॉन्च
इसरो के 'बाहुबली' रॉकेट एलवीएम-3 ने अमेरिकी सेटेलाइट ब्लूबर्ड-ब्लॉक-2 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। संभावित मलबे के कारण 90 सेकंड की देरी हुई। ...और पढ़ें
पीटीआई, श्रीहरिकोटा। इसरो का 'बाहुबली' रॉकेट एलवीएम-3 अमेरिकी सेटेलाइट ब्लूबर्ड- ब्लॉक-2 को अंतरिक्ष के लिए रवाना हो गया है। इसरो ने सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को लॉन्च किया है। बाहुबली LVM3 ब्लूबर्ड 2 को लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भर चुका है।
90 सेकेंड की देरी से भरी उड़ान
यह मिशन 8:54 बजे लॉन्च होने वाला था, लेकिन अब यह 90 सेकेंड की देरी से उड़ान भरी है। इसरो ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बाहुबली रॉकेट के उड़ान पथ पर मलबा होने या अन्य उपग्रहों के साथ टकराव होने की संभावना थी, इसके चलते उड़ान में देरी हुई है।
VIDEO | ISRO's LVM3-M6 lifts off with BlueBird Block-2 satellite from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota. The satellite is part of a next generation of BlueBird Block-2 communication satellites, designed to provide space-based cellular broadband connectivity… pic.twitter.com/MRXpCOhvBV
— Press Trust of India (@PTI_News) December 24, 2025
एलवीएम3 भारत का सबसे शक्तिशाली रॉकेट
लांच व्हीकल मार्क3 (एलवीएम3) भारत का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। इसलिए इस रॉकेट को बाहुबली रॉकेट भी कहते हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की योजना के अनुसार बुधवार को श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 8:54 बजे एलवीएम-3 एम6 राकेट नई पीढ़ी के अमेरिकी संचार सेटेलाइट ब्लूबर्ड- ब्लाक-2 के साथ अंतरिक्ष के सफर पर रवाना होगा। यह एलवीएम3 की छठी परिचालन उड़ान होगी।
लांचिंग के लगभग 15 मिनट बाद ब्लूबर्ड ब्लाक-2 के राकेट से अलग होने की उम्मीद है।इसरो ने कहा कि 6,100 किलोग्राम वजनी यह सेटेलाइट एलवीएम3 राकेट से लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में प्रक्षेपित किया जाने वाला सबसे भारी पेलोड होगा। इससे पहले सबसे भारी पेलोड एलवीएम-3-एम5 संचार उपग्रह सीएमएस-03 था। इसे इसरो ने दो नवंबर को लांच किया था।
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 की लांचिंग इसरो की कमर्शियल शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआइएल) के जरिये की जाएगी। इसके लिए अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल (एएसटी एंड साइंस, एलएलसी) ने एनएसआइएल के साथ करार किया था।

मोबाइल नेटवर्क तकनीक बदल जाएगी
यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) (आईएसआरओ की वाणिज्यिक शाखा) और अमेरिका स्थित एएसटी स्पेसमोबाइल (एएसटी एंड साइंस, एलएलसी) के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के तहत संचालित किया जा रहा है।
इस उपग्रह को विश्वभर में स्मार्टफोन को सीधे हाई-स्पीड सेलुलर ब्रॉडबैंड प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे यह मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए वैश्विक एलईओ तारामंडल का हिस्सा बन जाता है।
एएसटी स्पेसमोबाइल अंतरिक्ष आधारित पहला सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क विकसित कर रहा है, जो स्मार्टफोन को वाणिज्यिक और सरकारी दोनों उद्देश्यों के लिए सीधे उपग्रहों से जुड़ने की सुविधा देगा। यह नेटवर्क दुनिया भर में कहीं भी 4G और 5G वॉयस और वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाओं को सपोर्ट करेगा।
इसरो अध्यक्ष ने मंदिर में पूजा की
इसरो अध्यक्ष ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में की पूजा लांचिंग से पहले इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने मंगलवार को तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा की।

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