क्या अब Israel को हथियार नहीं भेज सकेगा भारत? सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया साफ
SC on Israel War इजरायल को भारतीय कंपनियों द्वारा निर्यात किए जा रहे हथियारों और सैन्य उपकरणों पर रोक लगाने के लिए बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। कोर्ट से केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी कि इस पर रोक लगा दी जाए। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दे दिया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। SC on Israel War भारत द्वारा इजरायल को निर्यात किए जा रहे हथियारों और सैन्य उपकरणों पर रोक लगाने के लिए बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। कोर्ट से केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी कि इस पर रोक लगा दी जाए। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दे दिया है।
कोर्ट ने क्या कहा?
दरअसल, इजरायल गाजा में फलस्तीनी लड़ाकों के साथ युद्ध लड़ रहा है। इजरायल को भारतीय कंपनियां अपने हथियार बेच रही है। मामले में दाखिल जनहित याचिका पर आज कोर्ट ने कहा कि हम देश की विदेश नीति में दखल नहीं दे सकते हैं। कोर्ट ने इसी के साथ याचिका खारिज कर दी।
मुकदमा चलाया जा सकता, लेकिन...
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इजरायल को हथियारों और उपकरणों के निर्यात में शामिल भारतीय कंपनियों पर अनुबंध संबंधी दायित्वों के उल्लंघन के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है, उन्हें आपूर्ति करने से नहीं रोका जा सकता।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमारा कोई भी निर्देश विदेश नीति को प्रभावित कर सकता है और हमें नहीं पता कि इसका क्या प्रभाव होगा।
क्या रूस से पेट्रोल न लेने को भी कह दें?
सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इजराइल गाजा में नरसंहार कर रहा है। जिसपर, CJI की बेंच ने कहा कि हम विदेश नीति में दखल नहीं देते। क्या हम सरकार से कहेंगे कि रूस से पेट्रोल न ले या मालदीव से सारा निवेश वापस ले ले? ऐसा कभी नहीं होता।
बता दें कि अशोक कुमार शर्मा और अन्य ने वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें केंद्र को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह इजरायल को हथियार और अन्य सैन्य उपकरण निर्यात करने वाली भारतीय फर्मों के लाइसेंस रद्द कर दे और उन्हें नए लाइसेंस न दे।