इस्लामिक विद्वान रामिश सिद्दीकी ने कहा, कोरोना ने नकारात्मक को सकारात्मक में बदलने का अवसर दिया
रामिश सिद्दीकी ने संयुक्त अरब अमीरात में सात से नौ दिसंबर के बीच मुस्लिम समाज में शांति को बढ़ावा देने वाले मंच की तरफ से कोरोना के बाद मानव मूल्य संकट के समय में सौहार्द को पुनर्जीवित करना विषय पर आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कही।

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना महामारी ने पूरे विश्व संकट में धकेल दिया है। मजबूत से मजबूत देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। लेकिन कोरोना महामारी ने नकारात्मक को सकारात्मक में बदलने का अवसर भी प्रदान किया है। हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने समाज, देश और विश्व के पुनर्निर्माण के लिए अपना सहयोग दे। यह कहना है भारत के जाने-माने इस्लामिक विद्वान रामिश सिद्दीकी का।
रामिश सिद्दीकी ने संयुक्त अरब अमीरात में सात से नौ दिसंबर के बीच मुस्लिम समाज में शांति को बढ़ावा देने वाले मंच की तरफ से 'कोरोना के बाद मानव मूल्य : संकट के समय में सौहार्द को पुनर्जीवित करना' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कही। उन्होंने कहा कि कुरान में भी अधिकारों के बजाय कर्तव्यों पर जोर दिया गया है। इसके अध्याय 16 के आयत 90 में लिखा है कि खुदा अपने बंदों को न्याय, दया और पुरस्कार से उपकृत करता है और उनके शर्मनाक कार्यो और अन्याय को माफ करता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान महामारी नकारात्मक को सकारात्मक में बदलने का अवसर प्रदान करती है। वैक्सीन विकसित करने वालों ने इसे अपने संप्रदाय के लोगों के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए बनाया है।
भारत में घटे कोरोना संक्रमण के नए मामले
पिछले दिनों में सामने आ रही स्वास्थ्य मंत्रालय की दैनिक रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है। इसके मद्देनजर की गई एक प्रेस ब्रीफिंग में नीति आयोग में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े सदस्य वीके पॉल ने कहा कि भारत में कोरोना संक्रमण के हर रोज आने वाले नए केसों की संख्या लगातार घट रही है। इससे पता चलता है कि भारत में इसकी गिरावट शुरू हो चुकी है वहीं, दुनिया के दूसरे देशों में अभी भी इसके मामलों में तेजी आ रही है, जो काफी चिंताजनक विषय है। इसके अलावा दिल्ली में भी नए मामलों में गिरावट लगातार दर्ज की जा रही है।
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