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शिमोगा से गिरफ्तार आइएस आतंकी माज अहमद को मिली पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति

शिमोगा से हाल ही में गिरफ्तार किए गए इस्लामिक स्टेट (आइएस) से जुड़े आतंकी माज अहमद को शनिवार को अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी गई है। माज के पिता मुनीर अहमद को बेटे की गिरफ्तारी के बाद दिल का दौरा पड़ा था ।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Sun, 25 Sep 2022 03:49 AM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 04:30 AM (IST)
शिमोगा से गिरफ्तार आइएस आतंकी माज अहमद को मिली पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति
आतंकी माज अहमद को मिली पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति

शिमोगा, आइएएनएस: कर्नाटक के शिमोगा से हाल ही में गिरफ्तार किए गए इस्लामिक स्टेट (आइएस) से जुड़े आतंकी माज अहमद को शनिवार को अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी गई है। माज के पिता मुनीर अहमद को बेटे की गिरफ्तारी के बाद दिल का दौरा पड़ा था । शुक्रवार की शाम उनका निधन हो गया। शिमोगा जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उनका अंतिम संस्कार तीर्थहल्ली में होना है।

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प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गए थे आतंकी

इस बीच मामले की जांच में पता चला है कि आइएस से जुड़े आतंकी इंजीनियर सैयद यासीन (21), माज अहमद (22) और शारिक (24) प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गए थे। शारिक इस समय फरार है, जबकि सैयद यासीन और माज अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया है। शिमोगा के पुलिस अधीक्षक बीएम लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि आइएस के आतंकियों के साथ फरार आतंकी शारिक की बातचीत के आडियो रिकार्ड मिले हैं।

देश में लागू करना चाहते थे खलीफा का शासन

शारिक आइएस के आतंकियों के सीधे संपर्क में था और उनके निर्देश के अनुसार काम कर रहा था। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। वह भारत में इंजीनियरिंग स्नातक युवाओं को बरगला कर उन्हें आइएस में शामिल कराने के रैकेट में शामिल रहा है। इससे पहले जांच में पता चला था कि ये आतंकी भारत में खलीफा का शासन (खिलाफत) लागू करने के षड्यंत्र में लगे थे। वे देश में शरिया कानून लागू करना चाहते थे। उनका मानना था कि भारत को अभी तक स्वतंत्रता नहीं मिली है। अभी तो केवल ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली है। असली स्वतंत्रता तब मिलेगी जब तुर्की के खलीफा का शासन लागू होगा। वे शरियत कानून लागू करने के लिए भी षड्यंत्र रच रहे थे। ये आतंकी काफिरों (इस्लाम को नहीं मामने वाले) के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते थे।      


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