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नक्सलियों से गठजोड़ कर भारत में विध्वंस करना चाहते थे IS संदिग्ध : NIA

आइएसआइएस आतंकियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र में एनआइए ने दावा किया है कि वे नक्सलियों से संपर्क में थे।

By anand rajEdited By: Published: Tue, 19 Jul 2016 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jul 2016 05:43 AM (IST)
नक्सलियों से गठजोड़ कर भारत में विध्वंस करना चाहते थे IS संदिग्ध : NIA

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत में सक्रिय आइएसआइएस के आतंकियों और नक्सलियों के बीच नया गठजोड़ पनप रहा हैं। आइएसआइएस के गिरफ्तार आतंकियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र में एनआइए यह खुलासा किया है।एनआइए के अनुसार गिरफ्तार आतकी नक्सलियों के संपर्क में थे। ये आतंकी नक्सलियों से सुरक्षा बलों पर हमला करने और बम बनाने की कार्यप्रणाली समझना चाहते थे। इसके साथ ही उन्होंने नक्सलियों से हथियार खरीदने की रणनीति भी तैयार कर ली थी।

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संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ आरोप पत्र

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने देश भर के गिरफ्तार किए इस्लामिक स्टेट (आइएस) के 16 संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया। जिला जज अमरनाथ की अदालत में मोहम्मद अलीम, मोहम्म्द ओबेदुल्ला खान, नफीस खान, मोहम्मद शरीफ माईनुद्दीन खान, आसिफ अली, नजुमुल हुड्डा, मुदब्बीर मुस्ताक शेख, मोहम्मद अब्दुल अहद, सुहेल अहमद, सईद मुजाहिद, मोहम्मद हुसैन खान, मोहम्मद अफजल, इमरान, अबु अनस के खिलाफ आरोप तय किए गए।

सभी 16 आतंकियों पर गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम व आइपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। एनआइए ने दावा किया है कि ये संदिग्ध आतंकी भारत में आइएस की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए युवाओं को आतंकवाद की ओर प्रेरित करने का का काम कर रहे थे। इस साजिश को विदेशी सरजमीन ने अंजाम दिया जा रहा था। भारत के साथ-साथ सीरिया व अन्य देशों में मौजूद आतंकी इसमें शामिल थे।

एनआइए के मुताबिक युवाओं को सीरिया, लीबिया व इराक में चल रहे गृह युद्ध के दौरान योगदान देने के लिए उकसाया जा रहा था। मूल मकसद भारत से लोगों को उक्त देशों में भेजना और आइएस की विचारधारा को दुनियाभर में फैलाना था। इस काम के लिए सोशल मीडिया को एक मजबूत हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।

सफी अरमर सीरिया में आइएसआइएस का लड़ाका है और कर्नाटक के भटकल का रहने वाला है। सभी गिरफ्तार आतंकी विभिन्न सोशल और चैटिंग साइट्स के माध्यम से अरमर के संपर्क में थे। भारत में आतंकी हमला करने के लिए इन्होंने जूनूद-उल-खलीफा-फिल-हिंद नाम का संगठन भी बना लिया था।

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पूरे भारत में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए इन आतंकियों ने विभिन्न स्थानों पर छह बैठकें भी की थी। इनमें एक बैठक पिछले साल लखनऊ में एक नवंबर अलीम के चाचा के घर पर भी हुई थी। अलीम भी इस मामले में आरोपी है।एनआइए के आरोपपत्र के अनुसार कुल 18 आतंकियों को इस मामले में हिरासत में लिया गया था। जिनमें से दो सरकारी गवाह बन गया। अदालत में इन दोनों को माफी दे दी है। इसके बाद बचे 16 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया।

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आरोपपत्र में एनआइए ने बताया है कि आरोपियों की विभिन्न सोशल साइट्स पर बातचीत का टेप से उनकी आवाज के नमूने मिलाए गए थे। जो सही पाए गए हैं। इन आरोपियों ने हथियार और आइइडी बनाने के लिए जरूरी विस्फोटक व अन्य सामान भी जुटा लिया था। एनआइए के अनुसार इन आतंकियों के हवाला के जरिये पैसे मिलते थे। छापे के दौरान इनके पास 2.5 लाख रूपये बरामद भी हुए थे।

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