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    Interpol Silver Notice: 'साकार हुई PM की सोच', सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद बोले - MLAT से अधिक प्रभावी सिल्वर नोटिस

    सिल्वर नोटिस इंटरपोल के आठ रंग आधारित नोटिस की श्रृंखला में नवीनतम नोटिस है। इसका उद्देश्य दूसरे देश में अवैध रूप से जमा की गई संपत्तियों का पता लगाना है। यह नोटिस किसी देश को विश्वभर में अवैध संपत्ति के संबंध में सूचना के लिए अलर्ट और अनुरोध साझा करने में सक्षम बनाता है। इटली के अनुरोध पर इंटरपोल ने हाल में ही पहला सिल्वर नोटिस जारी किया है।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Sun, 12 Jan 2025 10:00 PM (IST)
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    पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) की तुलना में इंटरपोल सिल्वर नोटिस अधिक प्रभावी: सीबीआई निदेशक।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद ने हाल ही में शुरू किए गए इंटरपोल सिल्वर नोटिस को विदेश में अवैध संपत्तियों के बारे में सूचना जुटाने के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) की तुलना में अधिक प्रभावी तरीका करार दिया और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विचार था, जो अब साकार हो गया है।

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    प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में दूसरे देश में छिपाए गए धन का पता लगाने के लिए इंटरपोल के तहत एक प्रणाली का प्रस्ताव दिया था। अब यह सिल्वर नोटिस के रूप में आकार ले चुका है।

    क्या है इंटरपोल का उद्देश्य?

    सिल्वर नोटिस इंटरपोल के आठ रंग आधारित नोटिस की श्रृंखला में नवीनतम नोटिस है। इसका उद्देश्य दूसरे देश में अवैध रूप से जमा की गई संपत्तियों का पता लगाना है। यह नोटिस किसी देश को विश्वभर में अवैध संपत्ति के संबंध में सूचना के लिए अलर्ट और अनुरोध साझा करने में सक्षम बनाता है।

    इटली के अनुरोध पर इंटरपोल ने हाल में ही पहला सिल्वर नोटिस जारी किया है। भारत भी इस व्यवस्था का हिस्सा है। परंपरागत रूप से अन्य देश में अवैध संपत्तियों के बारे में जानकारी एमएलएटी के माध्यम से एकत्र की जाती है।

    एमएलएटी दो देशों के बीच संधि होती है, जिसके तहत वे अपराध की रोकथाम, जांच और अभियोजन में औपचारिक सहायता प्रदान करने और प्राप्त करने के लिए सहयोग करते हैं। भारत ने 45 देशों के साथ पारस्परिक कानूनी सहायता संधि कर रखी है।

    बेहतर होगी इंटरपोल की प्रक्रिया 

    सीबीआई निदेशक ने एक साक्षात्कार में कहा कि एमएलएटी से इसका महत्व बढ़ाकर इंटरपोल नोटिस कर दिया गया है। इससे यह प्रक्रिया और बेहतर हो गई है। अब इंटरपोल नोटिस के माध्यम से सदस्य देशों को अधिक स्वीकार्यता मिलेगी।

    संभवत: और अधिक सूचनाएं सामने आएंगी। हालांकि, सूद ने कहा कि एमएलएटी एक प्रभावी उपकरण बना रहेगा। यह इंटरपोल नोटिस की तुलना में अधिक आसान है, क्योंकि यह दो या अधिक देशों के स्तर पर अधिक व्यावहारिक है। इंटरपोल नोटिस की पहुंच तो अधिक है, लेकिन इसका उपयोग कम ही होता है।