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भारत में 2020 तक 73 करोड़ होंगे इंटरनेट उपयोगकर्ता

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2020 तक 73 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता होंगे।फिलहाल चीन के बाद सर्वाधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता भारत में हैंं।

By anand rajEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2016 08:17 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2016 09:24 PM (IST)
भारत में 2020 तक 73 करोड़ होंगे इंटरनेट उपयोगकर्ता

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रामीण भारत में तेजी से बढ़ते इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को देखते हुए 2020 तक भारत में इंटरनेट उपयोग करने वाले लोगों की संख्या 73 करोड़ होने का अनुमान है। यह अनुमान नासकॉम और अकामई टेक्नॉलाजी ने एक रिपोर्ट में व्यक्त किया है।

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रिपोर्ट के अनुसार 2015 के अंत में भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 35 करोड़ थी। नासकॉम का यह भी कहना है कि वह वित्त वर्ष 2016-17 में सूचना प्रौद्योगिकी निर्यात से राजस्व में 10 से 12 प्रतिशत की वृद्धि के अपने अनुमान पर कायम है और इसमें बदलाव करने का कोई तात्कालिक कारण नहीं है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के बाद सर्वाधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता भारत में हैं और इस मामले में यहां वृद्धि अन्य देशों की अपेक्षा तेज रहेगी। खास बात यह है कि भारत में आने वाले समय में 75 प्रतिशत नए उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्रों से आएंगे और ये स्थानीय भाषा में इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे।

नासकॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने कहा कि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या की दृष्टि से भारत पहले ही अमेरिका को पीछे छोड़ दुनियाभर में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। 2020 तक भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में भी इंटरनेट पहुंचने की संभावना है। इंटरनेट की पहुंच बढ़ने से देश में ऑनलाइन शॉपिंग भी तेजी से बढ़ रही है जो कारोबार के मामले में ट्रैवल को पीछे छोड़ रही है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2015-16 में कुल ई-कारोबार 17 अरब डालर था जो 2020 तक बढ़कर 34 अरब डालर होने का अनुमान है। ऐसा अनुमान है कि उस समय 17.5 करोड़ व्यक्तिगत लेन-देन ऑनलाइन होंगे।

आइटी निर्यात से आय के संबंध में अपने अनुमान पर कायम रहते हुए नासकॉम के अध्यक्ष ने कहा कि फिलहाल उन्हें इस अनुमान की समीक्षा की कोई वजह नजर नहीं आती। हालांकि वह निकट से नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि नासकॉम दूसरी तिमाही के परिणामों के बाद सितंबर या अक्टूबर में अपने आंकड़ों की समीक्षा करेगा।

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अमेरिका में भारतीय आइटी पेशेवरों के संबंध में वहां के राष्ट्रपति चुनाव से पहले चल रही बहस के संबंध में सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन का भेदभाव भरा रवैया चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि हमें प्रत्येक पक्ष की ओर से बयानबाजी की ओर से देखने की जरूरत नहीं बल्कि कार्रवाई पर ध्यान देने की जरूरत है। इस संबंध में जो भी कदम पहले उठाए गए हैं वे भेदभाव जनक रहे हैं, इसलिए उद्योग जगत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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