कैसे गुजरात के हॉस्पिटल से चोरी हुए फुटेज से खुला इंटरनेशनल पोर्न मार्केट का राज, 50 हजार से ज्यादा वीडियो क्लिप विदेशी मार्केट में बिके
राजकोट के मैटरनिटी हॉस्पिटल से वीडियो हैक होने के बाद अंतरराष्ट्रीय पोर्न कारोबार का भंडाफोड़ हुआ। साइबर अपराधियों ने वीपीएन के जरिए पहचान छिपाकर 20 राज्यों के स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल के सीसीटीवी नेटवर्क हैक किए। लगभग 50 हजार वीडियो क्लिप चोरी कर इंटरनेशनल पोर्न मार्केट में बेचे गए। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने वीपीएन और एसडब्ल्यूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था।

अस्पताल के वीडियो से पोर्न रैकेट का खुलासा
शत्रुघ्न शर्मा , अहमदाबाद। राजकोट के एक मैटरनिटी हॉस्पीटल के अंतरंग वीडियो क्लिप हैक होने के बाद साइबर क्राइम की जांच में अंतरराष्ट्रीय पोर्न कारोबार का भंडाफोड हुआ।
देश में ही बैठकर साइबर अपराधियों ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क वीपीएन के जरिए अपनी लोकेशन व पहचान छिपाकर देश के करीब 20 राज्यों के स्कूल, कॉलेज, हॉस्पीटल, कॉरपोरेट घरानों व निजी सीसीटीवी नेटवर्क को हैक कर करीब 50 हजार वीडियो क्लिप चोरी कर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से देश विदेश में पोर्न मार्केट को बेच रहे थे।
अस्पताल के वीडियो से पोर्न रैकेट का खुलासा
साइबर अपराधियों ने जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 के बीच महज एक वर्ष में देश के विविध शहरों, अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, मुंबई, पुणे व दिल्ली के स्कूल, कॉलेज, हॉस्पीटल, कॉरपोरेट घरानों व निजी सीसीटीवी नेटवर्क को हैक कर करीब 50 हजार वीडियो क्लिप चोरी कर लिया।
यह कंटेंट इंटरनेशनल पोर्न मार्केट में बेच दिया। मेघा एमबीबीएस, सीपी मोंडा नाम से यूट्यूब चैनल बनाकर इन वीडियो के अश्लील कंटेट के क्लिप इस पर शेयर भी किया। इन चैनल के जरिये वे पोर्न कंटेंट के ग्राहकों को 700 रु से लेकर 4000 रु तक में मेघा डेमोस, लेबर रुम जैसे टेलेग्राम चैनल पर सब्सक्राइब बनाते थे।
20 राज्यों के नेटवर्क हैक, 50 हजार वीडियो चोरी
राजकोट का पायल मैटरनिटी होम के सीसीटीवी नेटवर्क से चुराये गये वीडियो वायरल होते ही गुजरात पुलिस व अहमदाबाद साइबर सेल ने इसकी जांच करते हुए पोर्न कारोबार के लिए विविध संस्थाओं के सीसीटीवी नेटवर्क को हैक कर वीडियो चोरी करने के मास्टर माइंड प्रज्वल तेली, पारित धमेलिया, वैभव माने तथा रोहित सिसोदिया को गिरफ्तार किया। वैभव बी टेक स्नातक होने के कारण नेटवर्क हैकिंग कर वीडियो चोरी करने में प्रमुख भूमिका निभाता था।
साइबर ब्रांच की प्राथमिक शाखा की जांच में पहले इन साइबर अपराधियों की लोकेशन अमेरिका का न्यूयॉर्क तथा रामोनिया का बुखारेस्ट आया लेकिन यह सब भारत में बैठकर साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे थे।
आरोपियों ने वीपीएन से लोकेशन छिपाई
दरअसल उनहोंने अपना वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क 3वीपीएन तैयार कर लोकेशन बदल लिया था। जिन संस्थाओं के नेटवर्क को इन्होंने हैक किया वो अधिकांश फैक्टरी पासवर्ड, एडमिन123 से कनेक्ट किये गये थे इसी कारण आसानी से उनके सीसीटीवी हैक हो गये।
साइबर जगत में इस तरह के हमले को ब्रूट फॉर्स अटैक कहा जाता है। हैकिंग के लिए अपराधियों ने एसडब्ल्यूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जो इंटरनेट सिस्टम में सेंध लगाकर आसानी से उसके आईडी, पासवर्ड व आईपी एड्रेस को ओपन कर देता है

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