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    विमान दुर्घटना की जांच पर पहली बार भारत में होगी अंतरराष्ट्रीय बैठक, AAIB करेगा आयोजन

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 09:30 PM (IST)

    भारत में पहली बार विमान दुर्घटनाओं की जांच पर अंतरराष्ट्रीय बैठक हो रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत AAIB 28 से 31 अक्टूबर तक APAC-AIG की बैठक आयोजित करेगा। इसमें सदस्य देशों के 90 प्रतिनिधि भाग लेंगे। बैठक में जांच प्रक्रिया, डेटा विश्लेषण और सुरक्षा मानकों पर चर्चा होगी। यह बैठक विमान दुर्घटना जांच में क्षमता सुधार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगी।

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    सम्मेलन के साथ कार्यशाला का भी आयोजन होगा (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विमान दुर्घटनाओं की जांच और इनसे किस तरह से सबक सीखा जाए, इस विषय में पहली बार एक अंतरराष्ट्रीय बैठक भारत में होने जा रही है। एशिया पैसिफिक एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ग्रुप (एपीएसी-एआइजी) की इस बैठक का आयोजन नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत कार्यरत विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) 28 से 31 अक्टूबर के बीच करेगा।

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    इसमें सम्मेलन के साथ कार्यशाला का भी आयोजन होगा जिसमें सदस्य देशों में विमान दुर्घटना की जांच करने वाले विभिन्न विभागों के 90 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। साथ ही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। इसका उद्घाटन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राममोहन नायडू करेंगे। मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि इस तरह की बैठक में विमान जांच दुर्घटनाओं को लेकर क्षमता सुधार करने में मदद मिलती है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ता है।

    अहमदाबाद में हुआ था विमान हादसा

    बैठक में विमान दुर्घटना जांच के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी, जिसमें जांच प्रक्रिया, डेटा विश्लेषण, सुरक्षा मानक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग शामिल हैं। जानकारों की मानें तो इस बैठक का महत्व इसलिए और बढ़ गया है क्योंकि कुछ महीने पहले ही एअर इंडिया का एक यात्री विमान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इसमें 241 विमान यात्रियों के अलावा जिस भवन पर विमान गिरा वहां 19 आम नागरिकों की भी मौत हुई है।

    इस पृष्ठभूमि में एपीएस-एआइजी की आगामी बैठक न केवल तकनीकी ज्ञान साझा करने का मंच बनेगी, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर दुर्घटना रोकथाम और जांच प्रणाली को और मजबूत करने का अवसर भी प्रदान करेगी। भारत द्वारा पहली बार मेजबानी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश को क्षेत्रीय विमानन सुरक्षा नेतृत्व की भूमिका में स्थापित करेगा। इसमें भाग लेने वाले देश अपनी-अपनी जांच एजेंसियों की सफलताओं और चुनौतियों को साझा करेंगे।

    अंतरराष्ट्रीय नागर विमान संगठन (आईसीएओ) के दिशानिर्देशों के अनुपालन, ब्लैक बॉक्स विश्लेषण, मानवीय त्रुटि की जांच और तकनीकी खामियों की पहचान जैसे मुद्दों पर फोकस रहेगा। भारत सरकार इस आयोजन के माध्यम से वैश्विक विमानन समुदाय को यह संदेश देना चाहती है कि वह सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।