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    इंश्योरेंस सेक्टर में 100 फीसदी FDI का रास्ता साफ, संसद में पारित हुआ बिल

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 11:55 PM (IST)

    संसद ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने वाले विधेयक को पारित कर दिया है, जिसका उद्देश्य बीमा कवरेज बढ ...और पढ़ें

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    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद ने बुधवार को बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने वाले विधेयक को पारित कर दिया। इससे बीमा कवरेज बढ़ने, प्रीमियम कम होने और रोजगार सृजन में वृद्धि होने की उम्मीद है।

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    सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानूनों में संशोधन) विधेयक, 2025 को लोकसभा द्वारा मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद राज्यसभा ने भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। सदन ने विपक्ष द्वारा लाए गए कई संशोधनों को भी खारिज कर दिया, जिनमें विधेयक को गहन समीक्षा के लिए संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव भी शामिल था।

    संसद ने बीमा क्षेत्र में FDI सीमा 100% की

    विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन संशोधनों से विदेशी कंपनियों को बीमा क्षेत्र में अधिक पूंजी लाने की अनुमति मिलेगी। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से हमारी सरकार ने बीमा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।

    हमारा मानना है कि वास्तविक विकास के लिए हमारे लोगों, व्यवसायों और कृषि के लिए व्यापक बीमा कवरेज आवश्यक है। सीतारमण ने सदन को सूचित किया कि इस क्षेत्र के खुलने से देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने विश्वास जताया कि अधिक कंपनियों के आने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और प्रीमियम में कमी आएगी।

    विधेयक से बीमा कवरेज बढ़ने की उम्मीद है

    रोजगार के मोर्चे पर कुछ सदस्यों की चिंताओं को दूर करते हुए सीतारमण ने कहा कि इसके विपरीत संशोधनों के बाद रोजगार के और अधिक अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों, एजेंटों और माइक्रो एजेंटों की संख्या 2014-15 में 30.14 लाख से बढ़कर 2024-25 में लगभग तीन गुना यानी 88.17 लाख हो गई है।

    सीतारमण ने विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा लाभ अपने देश भेजने की चिंताओं का भी समाधान किया। कहा कि बीमा नियामक आइआरडीएआइ ने निर्धारित किया है कि सभी बीमा कंपनियों को न्यूनतम 1.5 का साल्वेंसी अनुपात बनाए रखना होगा, जिसका अर्थ है कि परिसंपत्तियां देनदारियों से 1.5 गुनी होनी चाहिए।

    हम वास्तव में LIC को सशक्त बना रहे हैं: वित्त मंत्री

    वित्त मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियां सरकार की सभी जन सुरक्षा योजनाओं और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।

    उन्होंने इस चिंता को भी दूर किया कि संशोधनों से एलआइसी की वैधानिक मान्यता कमजोर होगी। उन्होंने कहा, हम वास्तव में एलआइसी को सशक्त बना रहे हैं। एलआइसी को जनता का विश्वास प्राप्त है और वह अपेक्षाओं के अनुरूप अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)