इंश्योरेंस सेक्टर में 100 फीसदी FDI का रास्ता साफ, सरकार ने लोकसभा में पेश किया बिल
लोक सभा ने सबका बीमा, सबकी रक्षा संशोधन विधेयक 2025 को मंजूरी दी, जिससे इंश्योरेंस सेक्टर में 100% एफडीआई का रास्ता खुल गया। वित्त मंत्री निर्मला सीता ...और पढ़ें

लोगों को सस्ते दाम पर इंश्योरेंस उपलब्ध हो सकेंगे (फोटो: पीटीआई)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सबका बीमा, सबकी रक्षा संशोधन विधेयक 2025 को मंगलवार को लोक सभा ने अपनी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का रास्ता साफ हो गया। अभी इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की अधिकतम सीमा 74 प्रतिशत है।
सरकार ने वर्ष 2047 तक देश के सभी व्यक्ति को इंश्योरेंस के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है। इस बिल को लोक सभा में पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत से इस सेक्टर में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा। कंपनियों की संख्या बढ़ेगी और विभिन्न प्रकार के नए-नए उत्पाद आएंगे। इन सबसे इंश्योरेंस कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उसका लाभ आम लोगों को मिलेगा। लोगों को सस्ते दाम पर इंश्योरेंस उपलब्ध हो सकेंगे।
प्रीमियम की राशि देश से बाहर ले जाने की इजाजत नहीं
उन्होंने यह भी साफ किया कि इंश्योरेंस प्रीमियम की राशि देश से बाहर ले जाने की इजाजत नहीं होगी। इंश्योरेंस कराने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए बीमा नियामक को अब अधिक अधिकार दिया जा रहा है। कंपनी या इंटरमीडियरिज अगर इंश्योरेंस के नाम पर कोई धोखाधड़ी या गलत कमाई करते हैं तो उन पर 10 करोड़ तक का जुर्मान किया जाएगा। अभी यह सीमा एक करोड़ तक की है।
इंश्योरेंस उत्पाद बेचने वाली सभी कंपनियों को अपने नाम में इंश्योरेंस शब्द का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा ताकि लोगों के बीच कंपनी को लेकर कोई गलतफहमी नहीं रहे। विभिन्न प्रकार के इंश्योरेंस के लिए बार-बार केवाईसी नहीं करना होगा। इंश्योरेंस कराने वालों के डाटा को डाटा सुरक्षा कानून के तहत गोपनीय रखना होगा।वित्त मंत्री ने बताया कि इंश्योरेंस सेक्टर में पारदर्शिता को और बढ़ाने के लिए किसी भी नए नियम को लाने से पहले सार्वजनिक रूप से नियामक को विचार-विमर्श करना अनिवार्य किया जा रहा है।
इंश्योरेंस सेक्टर में देश में अभी 74 कंपनियां
इंश्योरेंस धारकों को उनके अधिकार और इंश्योरेंस के फायदे को बताने को लेकर उन्हें शिक्षित व जागरूक करने के लिए एक फंड का निर्माण किया जाएगा। यह फंड इंश्योरेंस कंपनियों से वसूले जाने वाले जुर्माने की राशि से बनाया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि इंश्योरेंस सेक्टर में देश में अभी 74 कंपनियां हैं। इनमें से 10 कंपनियों में 26 प्रतिशत का एफडीआई है। 23 कंपनियों में 26-49 प्रतिशत तक, तीन कंपनियों में 49-74 प्रतिशत तो चार कंपनियों में 74 प्रतिशत एफडीआई है।
वर्ष 1999 में इंश्योरेंस सेक्टर में पहली बार 26 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत दी गई थी। वर्ष 2015 में इसे बढ़ाकर 49 प्रतिशत तो 2021 में इस सीमा को 74 प्रतिशत कर दिया गया। वर्ष 2014-15 में देश में इंश्योरेंस से जुड़ी 53 कंपनियां थी। अभी देश में इंश्योरेंस का प्रति व्यक्ति सालाना प्रीमियम 97 डालर है जो वर्ष 2014-15 में मात्र 15 डालर था। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में 14 लाख इंश्योरेंस एजेंट है और सरकार इन एजेंट के साथ है।
लोक सभा में इंश्योरेंस संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि आपकी पूंजी आपका अधिकार के तहत गैर दावे वाले इंश्योरेस, म्युचुअल फंड व अन्य खातों में जमा राशि को उनके परिजनों तक लौटाने का अभियान 500 जिलों में अक्टूबर में शुरू किया गया था और दो माह में इस अभियान के तहत 2000 करोड़ रुपए लोगों को लौटाए जा चुके हैं।

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