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    भारतीय नौसेना में शामिल हुए आइएनएस उदयगिरी और तमाल, समुद्री सीमा की सुरक्षा में और अधिक ताकतवर हुआ भारत

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Tue, 01 Jul 2025 11:30 PM (IST)

    भारतीय नौसेना में मंगलवार को स्वदेश निर्मित स्टील्थ फ्रिगेट आइएनएस उदयगिरी और रूसी निर्मित गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आइएनएस तमाल को शामिल किया गया। इससे भारतीय नौसेना की ताकत में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। दोनों फ्रिगेट अत्याधुनिक हथियारों सेंसर और स्टील्थ तकनीक से लैस है और भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा। यह युद्धपोत उस पूर्ववर्ती आइएनएस उदयगिरी का आधुनिक रूप है।

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    भारतीय नौसेना में शामिल हुए आइएनएस उदयगिरी और तमाल (फोटो- एक्स)

     पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना में मंगलवार को स्वदेश निर्मित स्टील्थ फ्रिगेट आइएनएस उदयगिरी और रूसी निर्मित गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आइएनएस तमाल को शामिल किया गया। इससे भारतीय नौसेना की ताकत में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। दोनों फ्रिगेट अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर और स्टील्थ तकनीक से लैस है और भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा।

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    आइएनएस उदयगिरी नौसेना को मिला

    मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट 17ए का दूसरा स्टील्थ फ्रिगेट आइएनएस उदयगिरी आधिकारिक रूप से नौसेना को सौंप दिया गया। यह युद्धपोत उस पूर्ववर्ती आइएनएस उदयगिरी का आधुनिक रूप है, जो 2007 में 31 वर्षों की सेवा के बाद सेवामुक्त हुआ था।

    37 महीनों में लांचिंग के बाद तैयार किया गया

    नया उदयगिरी एक मल्टी-मिशन फ्रिगेट है, जो गहरे समुद्र में परिचालन (ब्लू वाटर आपरेशन) के लिए डिजाइन किया गया है और पारंपरिक व गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। आइएनएस उदयगिरी को सिर्फ 37 महीनों में लांचिंग के बाद तैयार किया गया, जो निर्माण गति में एक रिकॉर्ड है।

    यह युद्धपोत प्रोजेक्ट 17ए के तहत निर्मित सात जहाजों में से दूसरा है। बाकी पांच युद्धपोत मझगांव डाक मुंबई और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स कोलकाता में निर्माणाधीन हैं और 2026 के अंत तक सौंपे जाएंगे।

    इस युद्धपोत का निर्माण पूरी तरह स्वदेशी तकनीकों और भारतीय उद्योगों के सहयोग से हुआ है। इसमें शामिल अधिकांश हथियार और सेंसर देश के ही ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएमएस) द्वारा आपूर्ति किए गए हैं। निर्माण के दौरान 200 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इससे जुड़े रहे।

    अत्याधुनिक तकनीकों से लैस आइएनएस तमाल

    वहीं, रूस निर्मित निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट आइएनएस तमाल को रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया, जिसमें अनेक बंदूकें, निगरानी प्रणालियां और ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल शामिल हैं। यह बहुउद्देश्यीय युद्धपोत न केवल दुश्मन की नजरों से बच निकलने में सक्षम है, बल्कि यह सतह, वायु और पनडुब्बी हमलों से मुकाबले के लिए अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है।

    आइएनएस तमाल का डिजाइन रूसी सेवेरनोये डिजाइन ब्यूरो और भारतीय विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें स्वदेशी सामग्री को 33 प्रणालियों तक बढ़ाया गया है। इसमें ब्रह्मोस एयरोस्पेस, भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड, केलट्रान, टाटा की नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम्स जैसे भारतीय निर्माता शामिल हैं।

    युद्धपोत की अधिकतम स्पीड 30 नॉट की

    इस युद्धपोत की अधिकतम स्पीड 30 नॉट की है और यह उच्च सहनशक्ति के साथ अपने वजन से कहीं अधिक शक्तिशाली है। इस युद्धपोत का नाम 'तमाल' है, देवताओं के राजा इंद्र द्वारा युद्ध के लिए प्रयोग की गई दिव्य तलवार का प्रतीक है। इसका शुभंकर है 'द ग्रेट बियर्स', जो भारतीय पौराणिक कथाओं के भालू राजा जामवंत और रूसी भूरे भालू से प्रेरित है। इसका आदर्श वाक्य है 'सर्वदा सर्वत्र विजया'।

    आइएनएस उदयगिरी की विशेषताएं

    • सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली
    • मीडियम रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें
    • 76 मिमी गन, 30 मिमी और 12.7 मिमी की रैपिड फायर गन
    • डीजल इंजन और गैस टर्बाइन युक्त सीओडीओजी प्रणाली
    • कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर (सीपीपी) और इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम (आइपीएमएस) युक्त

    आइएनएस तमाल की खासियत

    • इस 3900 टन वजनी और 125 मीटर लंबे जंगी जहाज में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लैंस है।
    • तमाल युद्धपोत अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है, जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम शामिल है, जो एंटी-शिप और लैंड-अटैक क्षमताओं से युक्त है।
    • इसके अतिरिक्त, इसमें सरफेस सर्विलांस रडार काम्प्लेक्स, एंटी-सबमरीन हथियार फायरिंग काम्प्लेक्स और कई स्वदेशी अत्याधुनिक हथियार व सेंसर शामिल हैं।
    • 100 मिमी एडवांस नेवल गन और ,सीआइडब्ल्यूएस गन सिस्टम से लैस है।
    • टारपीडो और राकेट आधारित पनडुब्बी रोधी हथियार से सुसज्जित है।
    • इसमें ईओ, आइआर सिस्टम और युद्धक रडार लगे हैं और नेटवर्क केंद्रित लड़ाकू प्रणाली और एडवांस इलेक्ट्रानिक वारफेयर सिस्टम भी हैं।