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    INS Mormugao: शानदार खूबियों से लैस से Navy का ये डिस्ट्रॉयर, घातक बनाती हैं ब्रह्मोस और बराक जैसी मिसाइलें

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Fri, 16 Dec 2022 10:11 AM (IST)

    Indian Navy INS Mormugao के नौसेना में शामिल होने से हिंद महासागर क्षेत्र और उसके बाहर भारतीय नेवी की ताकत में इजाफा होगा। ये जहाज परमाणु जैविक और रास ...और पढ़ें

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    INS Mormugao की कमीशनिंग से बढ़ेगी नौसेना की ताकत

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। INS Mormugao Commissioning: भारतीय नौसेना (Indian Navy) के बेड़े की ताकत में और इजाफा होने वाला है। इस सप्ताह के अंत में स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर INS Mormugao की कमीशनिंग होने वाली है। डेस्ट्रॉयर में लगाए गए 75 फीसदी उपकरण और हथियार भारत में ही बने हैं। गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर मोरमुगाओ के नाम पर 7,400 टन वजनी INS Mormugao का नाम रखा गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 18 दिसंबर को इसे गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर मुंबई में इंडियम नेवी में कमीशन करेंगे।

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    ये बातें Mormugao को बनाती हैं खास

    INS Mormugao ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है। देश के सबसे आधुनिक एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर में इजराइल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार 'एमएफ-स्टार' लगा है। ये कई किलोमीटर दूर से हवा में मौजूद लक्ष्य को पहचान लेगा जिससे सटीक निशाना लगाया जा सकेगा। ये डिस्ट्रॉयर उड़ते हुए विमान पर 70 किलोमीटर और जमीन या समुद्र पर मौजूद लक्ष्य पर 300 किलोमीटर दूर से निशाना लगाने में सक्षम है। INS Mormugao 127 मिलीमीटर गन से लैस है, इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है। Mormugao पर दो आरबीईयू-6000 एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगे हैं। इस पर बेहद खराब मौसम के दौरान भी नौसेना के हेलीकॉप्टर लैंड कर सकेंगे।

    दुश्मन की मिसाइलों को दे सकता है चकमा

    163 मीटर लंबे और 730 टन वजनी इस युद्धपोत में मिसाइलों को चकमा देने की क्षमता भी है। इस युद्धपोत पर 50 अधिकारियों समेत 250 नौसैनिक तैनात रहेंगे और इसमें 4 शक्तिशाली गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं। समुद्र में 56 किलोमीटर प्रति घंटा (30 नॉटिकल मील) की रफ्तार से चलने वाला ये डिस्ट्रॉयर 75 हजार वर्ग किमी समुद्री क्षेत्र की निगरानी कर सकता है। INS Mormugao के नौसेना में शामिल होने से हिंद महासागर क्षेत्र और उसके बाहर भारतीय नेवी की ताकत में इजाफा होगा। ये जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। इसी प्रोजेक्ट का पहला जहाज INS Visakhapatnam पिछले साल भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

    इंफाल और सूरत की होगी कमीशनिंग

    प्रोजेक्ट-15बी के तहत मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में कुल 35,800 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे 4 विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसक युद्धपोतों में से INS Mormugao दूसरा है। इंफाल और सूरत नाम के तीसरे और चौथे डिस्ट्रॉयर 2023-2024 में इंडियम नेवी कमीशन होंगे।

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