सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों, स्वदेशी रॉकेट... सुन लो पाकिस्तान! राजनाथ सिंह ने बताई INS हिमगिरी और उदयगिरि की ताकत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस हिमगिरि और आईएनएस उदयगिरि की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये आधुनिक युद्धपोत स्वदेशी तकनीक से निर्मित हैं और कई उन्नत क्षमताओं से लैस हैं। उन्होंने कहा कि ये युद्धपोत लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और ब्रह्मोस मिसाइलों को समायोजित कर सकते हैं।
डिजिटल डेस्क, विशाखापत्तनम। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "आईएनएस हिमगिरि और आईएनएस उदयगिरि, दोनों ही आधुनिक युद्धपोत हैं जिनका निर्माण स्वदेशी तकनीक से किया गया है। मुझे बताया गया है कि इन युद्धपोतों में कई उन्नत क्षमताएं हैं।"
उन्होंने दोनों युद्दपोत की खासियत बताते हुए कहा कि ये युद्धपोत लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों, स्वदेशी रॉकेट लॉन्चरों, टॉरपीडो लॉन्चरों, युद्ध प्रबंधन प्रणाली और अग्नि नियंत्रण प्रणालियों को समायोजित कर सकते हैं। ये दोनों युद्धपोत समुद्र में खतरनाक अभियानों में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले साबित होंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि का जलावतरण आत्मनिर्भर भारत के हमारे सपने के साकार होने का एक दृश्य चित्रण है। यह हमारी दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। मैं इस अवसर पर भारतीय नौसेना को बधाई देता हूं।
नौसेना को दो नीलगिरि श्रेणी के फ्रिगेट मिले
बता दें कि नैसेना ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक समारोह में नीलगिरि श्रेणी के दो नए स्टील्थ फ्रिगेट - आईएनएस हिमगिरि और आईएनएस उदयगिरि को नौसेना में शामिल किया। भारत में निर्मित ये दोनों युद्धपोत प्रोजेक्ट 17 अल्फा (पी-17ए) का हिस्सा हैं।
प्रमुख पोत, आईएनएस नीलगिरि, इस साल की शुरुआत में नौसेना में शामिल किया गया था। हिमगिरि और उदयगिरि बड़े पैमाने पर स्वदेशी हैं, जिनमें 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री है - और ये रक्षा निर्माण और क्षमताओं में सरकार के 'आत्मनिर्भरता' अभियान को एक बड़ा बढ़ावा देते हैं।
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