Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इनजेती श्रीनिवास बने इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स ऑथॉरिटी के चेयरमैन

    By Neel RajputEdited By:
    Updated: Tue, 07 Jul 2020 09:52 AM (IST)

    श्रीनिवास ओडिशा कैडर के 1983 बैच के आइएएस अधिकारी हैं वो पहले कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय मे अपनी सेवा दे चुके हैं।

    इनजेती श्रीनिवास बने इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स ऑथॉरिटी के चेयरमैन

    नई दिल्ली, एएनआइ। इनजेती श्रीनिवास को इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स ऑथॉरिटी (International Financial Services Centers Authority- IFSCA) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। IFSCA की एक आधिकारिक वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी दी गई है।

    आधिकारिक आदेश के मुताबिक, वो तीन साल तक इस पद पर अपनी सेवा देंगे। श्रीनिवास ओडिशा कैडर के 1983 बैच के आइएएस अधिकारी हैं, वो पहले कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय मे अपनी सेवा दे चुके हैं। 31 मई को वो कॉर्पोरेट अफेयर्स सेक्रेटर के पद से रिटायर हुए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि इस साल 27 अप्रैल को IFSCA का निर्माण किया गया था। यह देश में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSCs) में सभी वित्तीय सेवाओं को विनियमित करने के लिए एक एकीकृत निकाय है। अब तक, IFSCs पर संस्थाओं और वित्तीय सेवाओं के नियम बैंकिंग, पूंजी बाजार और बीमा नियामकों जैसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (Irdai) द्वारा नियंत्रित किए जाते थे।

    दिसंबर 2019 में, संसद ने देश में IFSCs पर सभी वित्तीय गतिविधियों को विनियमित करने के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण स्थापित करने के लिए एक विधेयक पारित किया था। देश में पहला IFSC गुजरात के गांधीनगर में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस Tec-City (GIFT) में स्थापित किया गया है। गुजरात-मुख्यालय IFSCA गांधीनगर में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSCs) में सभी वित्तीय सेवाओं को विनियमित करेगा।

    27 अप्रैल, 2020 से लागू होने वाले प्राधिकरण में आठ सदस्य और एक अध्यक्ष हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र अधिनियम, 2019 के अनुसार, एक सदस्य (पूर्व अधिकारी) प्रत्येक को RBI, SEBI, IRDAI और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा नामित किया जाएगा। वित्त के साथ काम करने वाले मंत्रालय के दो अधिकारियों को, केंद्र सरकार द्वारा नामित किया जाना है और दो अन्य सदस्यों को कानून के अनुसार चयन समिति की सिफारिश पर केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाना है।