RTI के तहत जानकारी मांगने पर आयकर विभाग ने कहा, राजनीतिक पार्टियों का आयकर विवरण हमारे पास नहींं
आरटीआइ मामलों की सर्वोच्च निर्णायक संस्था केंद्रीय सूचना आयोग ने 2008 में आदेश दिया था कि पारदर्शिता कानून के तहत राजनीतिक दलों का कर विवरण सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इसके बाद के कई आदेशों में भी उसने अपना यह रुख कई बार दोहराया।

नई दिल्ली, प्रेट्र। सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत राजनीतिक दलों का आयकर विवरण (रिटर्न) मांगे जाने पर आयकर (आइटी) विभाग ने पहले तो कहा कि उसके पास इस संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं है और फिर बाद में उसने विरोधाभासी जवाब में छूट संबंधी उपनियम का हवाला देते हुए सूचना देने से इन्कार कर दिया। यह दावा एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने मंगलवार को किया।
आरटीआइ मामलों की सर्वोच्च निर्णायक संस्था केंद्रीय सूचना आयोग ने 2008 में आदेश दिया था कि पारदर्शिता कानून के तहत राजनीतिक दलों का कर विवरण सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इसके बाद के कई आदेशों में भी उसने अपना यह रुख कई बार दोहराया।
आरटीआइ कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने पिछले 10 वर्षो में राजनीतिक दलों द्वारा दाखिल कर विवरण प्राप्त करने के लिए आयकर विभाग से संपर्क किया। विभाग ने जवाब दिया, आवेदक को सूचित किया जाता है कि जो जानकारी मांगी गई है, उसे केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआइओ) द्वारा पंजीकृत जानकारी के रूप में नहीं रखा गया है। न ही मौजूदा नियमों के तहत सीपीआइओ के लिए इस जानकारी को रखना आवश्यक है।
आइटी विभाग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यदि मांगी गई जानकारी सार्वजनिक प्राधिकरण के रिकार्ड में नहीं है तो ऐसे मामले में यह अधिनियम लोक प्राधिकारी पर दायित्व नहीं डालता कि वह ऐसी गैर-उपलब्ध जानकारी को एकत्र करे या उसे आवेदक को मुहैया कराए।
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