Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समझौता रद करना परमाणु बम गिराने से भी ज्यादा खतरनाक

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Tue, 27 Sep 2016 01:00 AM (IST)

    पाकिस्तानी चैनल में बहस के दौरान विशेषज्ञों ने ये माना है कि अगर भारत सिंधु जल समझौते को रद करता है तो यह वहां परमाणु बम गिराने से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

    नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। पाकिस्तान के एक निजी चैनल पर एक विशेषज्ञ ने यह स्वीकार किया है कि अगर भारत सिंधु जल समझौते को रद करता है तो यह वहां परमाणु बम गिराने से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और आम जन-जीवन में सिंधु जल समझौते की अहमियत को देखते हुए समझा जा सकता है कि उक्त विशेषज्ञ ने यह बात क्यों कही थी। समझौते से पाकिस्तान को जो पानी मिलता है वह न सिर्फ वहां 90 फीसद कृषि उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है बल्कि पंजाब और सिंध का पूरा इलाका पेयजल के लिए भी इसी पानी का इस्तेमाल करता है। सिंधु जल समझौते पर भारत की तरफ से की गई थोड़ी सी कार्रवाई भी वहां जलसंकट पैदा कर सकता है।

    वर्ष 2008 में भारत ने जब बगलिहार बांध बनाने की शुरुआत की थी तब पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि उसके पंजाब प्रांत में गेहूं उत्पादन कम होने लगा है। भारत की किशनगंगा परियोजना के खिलाफ भी पाकिस्तान विश्व बैंक में मामला दायर कर चुका है। मंगलवार को विश्व बैंक के वाशिंगटन स्थित कार्यालय में इस पर सुनवाई भी होगी। पाकिस्तान ने यह आरोप लगाया है कि इस परियोजना से उसके बहुत बड़े हिस्से में सूखा आ सकता है।

    सिंधु का पानी पड़ोसी देश को देने में भले ही भारत ने उदारता दिखाई हो लेकिन पाकिस्तान के अपने ही प्रांतों में इसके बंटवारे को लेकर हमेशा झगड़ा रहता है। हाल यह है कि सरकार और सेना में अहम भूमिका रखने वाला पाकिस्तान का पंजाब प्रांत सिंधु के सबसे ज्यादा पानी का इस्तेमाल करता है जबकि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत जैसे पिछड़े इलाकों को नाममात्र ही पानी मिलता है।

    सिंधु समझौते पर पीएम ने की बैठक, कहा साथ नहीं बह सकते खून और पानी