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    Indus Water Treaty: Pak को घेरने की तैयारी में भारत, सिंधु जल संधि में संशोधन के लिए सरकार ने जारी किया नोटिस

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Fri, 27 Jan 2023 11:31 AM (IST)

    Indus Water Treaty पाकिस्तान से सिंधु जल संधि को लेकर भारत ने पाक को घेरने की कोशिश की है। पाक की गलत कार्रवाई के चलते भारत सरकार ने इस संधि में संशोधन के लिए पड़ोसी मुल्क को एक नोटिस जोरी किया है।

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    Indus Water Treaty को लेकर पाक को नोटिस।

    नई दिल्ली, एजेंसी। Indus Water Treaty भारत सरकार ने सितंबर 1960 की सिंधु जल संधि (IWT) में संशोधन के लिए पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है। सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान की गलत कार्रवाइयों ने सिंधु जल संधि (Sindhu Jal Sandhi) के प्रावधानों और उनके कार्यान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और भारत को IWT के संशोधन के लिए नोटिस जारी करने के लिए मजबूर किया है।

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    सिंधु आयोग को लेकर नोटिस जारी

    भारत सरकार ने कहा कि पारस्परिक रूप से एक मध्यस्थ रास्ता खोजने के लिए भारत द्वारा बार-बार प्रयास करने के बावजूद, पाकिस्तान ने 2017 से 2022 तक स्थायी सिंधु आयोग की पांच बैठकों के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा करने से इनकार किया है। सरकार ने कहा कि इन कारणों के चलते अब पाक को नोटिस जारी किया गया है।

    दोनों देशों में यह है विवाद

    सिंधु जल समझौते को लेकर असली विवाद तब शुरू हुआ जब 2015 में पाकिस्तान ने भारत की किशनगंगा और रातले जलविद्युत परियोजनाओं (एचईपी) पर अपनी आपत्तियों की जांच के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए अनुरोध किया। इसके बाद 2016 में, पाकिस्तान ने एकतरफा रूप से इस अनुरोध को वापस ले लिया और प्रस्तावित किया कि एक मध्यस्थता अदालत उसकी आपत्तियों पर फैसला सुनाए। हालांकि, पाकिस्तान की यह एकतरफा कार्रवाई आईडब्ल्यूटी के अनुच्छेद IX द्वारा परिकल्पित विवाद समाधान के श्रेणीबद्ध तंत्र का उल्लंघन है।

    इसके बाद भारत ने इस मामले को एक तटस्थ विशेषज्ञ के पास भेजने के लिए विश्व बैंक में एक अलग अनुरोध किया। जिसके बाद विश्व बैंक ने 2016 में खुद इसे स्वीकार किया और हाल ही में तटस्थ विशेषज्ञ और कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन प्रक्रियाओं दोनों पर कार्रवाई शुरू की है। हालांकि, समान मुद्दों पर इस तरह के समानांतर विचार आईडब्ल्यूटी के किसी भी प्रावधान के अंतर्गत नहीं आते हैं।

    नोटिस में पाक को दी गई मोहलत

    Sindhu Jal Sandhi में संशोधन के लिए भारत सरकार द्वारा जारी नोटिस का मुख्य कारण पाकिस्तान को IWT के उल्लंघन को सुधारने के लिए 90 दिनों के भीतर अंतर-सरकारी वार्ता में हिस्सा लेने का अवसर प्रदान करना है। बता दें कि यह वार्ता पिछले 62 वर्षों में तय किए गए समझौते को शामिल करने के लिए IWT में भी संशोधन करेगी।

    ये है सिंधु जल संधि

    सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच एक जल-वितरण संधि है। यह संधि 19 सितंबर 1960 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान द्वारा लाई गई थी। इस संधि को व्यावहारिक बनाने के लिए विश्व बैंक भी इसका एक हस्ताक्षरकर्ता बना था। बता दें कि इस संधि के तहत ब्यास, रावी और सतलज के पानी पर भारत जबकि सिंधु, चिनाब और झेलम के अधिकांश पानी पर पाक का अधिकार है।