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    22 साल पहले भी हो चुका 'राजा रघुवंशी' जैसा हत्याकांड, मर्डर मिस्ट्री सुलझाने में पुलिस के छूट गए थे पसीने; पढ़ें सनसनीखेज क्राइम कहानी

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 06:48 PM (IST)

    इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड में पत्नी सोनम ने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची। सोनम राजा को हनीमून के लिए मेघालय ले गई जहाँ उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना 2003 के बेंगलुरु रिंग रोड मर्डर केस की याद दिलाती है जिसमें शुभा शंकरनारायण ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने मंगेतर की हत्या करवा दी थी।

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    शुभा और गिरीश की 30 नवंबर 2003 को सगाई हुई थी (फोटो: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड की कहानी ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। राजा रघुवंशी की शादी सोनम रघुवंशी के साथ हुई थी, लेकिन सोनम किसी और से प्यार करती थी। इसके बाद उसने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर राजा की हत्या का प्लान तैयार किया।

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    सोनम ने राजा को मेघालय में हनीमून मनाने के लिए तैयार किया और इसी ट्रिप के दौरान उसकी हत्या कर दी गई। इस कहानी को सुनने वाला हर व्यक्ति सन्न रह गया। इस घटना ने 2003 में घटित हुए बेंगलुरु के रिंग रोड मर्डर केस की याद दिला दी।

    बेंगलुरु में 2003 में क्या हुआ था?

    बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर बी. वी. गिरीश की शादी लॉ स्टूडेंट शुभा शंकरनारायण से तय हुई थी। गिरीश की सैलरी उस समय 1 लाख रुपए थी। शुभा के पिता जाने-माने वकील थे। दोनों की 30 नवंबर 2003 को सगाई हुई थी। लेकिन शुभा किसी और से प्यार करती थी।

    शुभा का प्रेमी उसके ही कॉलेज का जूनियर अरुण वर्मा था। सगाई के तीन दिन बाद शुभा ने गिरीश को एक रेस्टोरेंट में चलने को कहा। यहां डिनर करने के बाद दोनों लौट रहे थे, तभी शुभा ने गिरीश के कहा कि वह एचएएल एयरपोर्ट के पास चले, जहां वह फ्लाइट्स को टेक ऑफ और लैंड करते देखना चाहती है।

    प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या

    • शुभा की साजिशों से अनजान गिरीश जब उसे लेकर वहां पहुंचा, तो कुछ लोगों ने गिरीश पर हमला कर दिया। खुद को निर्दोष दिखाने के लिए शुभा मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन वहां कोई था ही नहीं। गिरीश के सिर पर गंभीर चोट लगी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन गिरीश की मौत हो गई।
    • पुलिस को काफी समय तक मामले में कोई लीड नहीं मिली। जब बाद में सगाई के वीडियो खंगाले गए, तो शुभा उसमें काफी परेशान और उदास दिख रही थी। शुभा ने पुलिस को जो कहानी बताई थी, उसमें कई झोल दिख रहे थे। जब उसकी कॉल हिस्ट्री खंगाली गई, तो पता चला कि उसने गिरीश पर हमले के दिन अरुण वर्मा को 73 कॉल किए थे।
    • अरुण की मोबाइल लोकेशन निकाली गई, तो गिरीश की हत्या के पास मिली। पुलिस ने दोनों से सख्ती से पूछताछ की और अंत में उन्होंने कबूल कर लिया कि उन्होंने ही गिरीश की हत्या की है। शुभा और अरुण ने दो लोगों को गिरीश की हत्या के लिए हायर किया था।

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