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    साफ हवा के मामले में भी इंदौर ने मारी बाजी, जबलपुर को दूसरा और आगरा को तीसरा स्थान

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 10:00 PM (IST)

    इंदौर ने दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सबसे स्वच्छ शहर के बाद अब सबसे साफ हवाओं वाले शहर का खिताब भी जीता है। आद्रभूमियों के बेहतर संरक्षण के लिए शुरू की गई प्रतिस्पर्धा में भी इंदौर सर्वश्रेष्ठ रहा। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में जबलपुर दूसरे और आगरा व सूरत तीसरे स्थान पर रहे।

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    आगरा व सूरत ने सर्वेक्षण में एक समान अंक हासिल किए थे (फोटो: पीटीआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दस लाख से अधिक आबादी वाले देश के बड़े शहरों में इंदौर ने एक बार फिर अपनी चमक बिखेरी है। अब वह देश का सबसे स्वच्छ शहर के बाद देश के सबसे साफ हवाओं वाला शहर भी बन गया है। इसके साथ ही आद्रभूमियों के बेहतर संरक्षण के लिए पहली बार शुरू की गई प्रतिस्पर्धा में भी इंदौर ने देश के सर्वश्रेष्ठ आद्रभूमि शहर का भी खिलाफ जीता है।

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    वहीं स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में देश के बड़े शहरों में जबलपुर दूसरे, आगरा और सूरत तीसरे स्थान पर रहे। आगरा व सूरत ने सर्वेक्षण में एक समान अंक हासिल किए थे। वर्ष 2024 के स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में सूरत पहले, जबलपुर दूसरे और आगरा तीसरे स्थान पर थे। जबकि इनमें इंदौर छठवें स्थान पर थे। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम ( एनसीएपी) में शामिल देश के 130 शहरों को लेकर स्वच्छ वायु सर्वेक्षण जारी किया है।

    48 शहरों ने लिया था हिस्सा

    इनमें दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 48 शहरों ने हिस्सा लिया था, जिसमें इंदौर पहले, जबलपुर दूसरे व आगरा व सूरत तीसरे स्थान पर रहे। सर्वेक्षण में तीन से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों में कुल 42 शहर शामिल हुए थे, जिसमें अमरावती पहले, मुरादाबाद दूसरे और झांसी व अलवर तीसरे नंबर पर रहे है। इसके साथ ही तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में कुल 40 शहरों ने हिस्सा लिया था, जिसमें देवास पहले, परवाणू दूसरे व अंगुल तीसरे स्थान पर रहे।

    इन शहरों की यह रैंकिंग वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए कदमों और उससे आए सुधार के आधार पर किया गया था। मंत्रालय ने इस बार रामसर साइट में शामिल देश के करीब 91 आद्रभूमियों के रखरखाव को लेकर भी पहली बार एक रैं¨कग जारी की है। जिसमें इंदौर को पहला और उदयपुर को दूसरा स्थान मिला है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेद्र यादव ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2025 को जारी करते हुए कहा कि इस सर्वेक्षण से शहरों का वायु गुणवत्ता में काफी सुधार देखा गया है।

    देश के 25 शहरों ने अपनी गुणवत्ता 40 प्रतिशत तक का सुधार किया है। वही अन्य शहरों में भी तेजी से सुधार दिख रहा है। इस मौके पर उन्होंने तीनों शहरों की श्रेणियों में शीर्ष तीन में जगह बनाने वाले शहरों को नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।

    इन मानकों पर शहरों की तैयार की गई रैंकिंग

    राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता कार्यक्रम में शामिल 130 शहरों की जिन मानकों के आधार पर रैंकिंग तैयार की गई, उनमें कचरे को जलने से रोकना, सड़कों से उठने वाली धूल को कम करना, निर्माण कार्य से उठने वाली धूल और कचरे का प्रबंधन, वाहन प्रदूषण में कमी के उपाय, उद्योग से उठने वाले प्रदूषण पर रोकथाम व पीएम-10 के मानकों में बदलाव जैसे बिंदु शामिल किए गए थे

    किस शहर को कितनी दी गई पुरस्कार राशि

    दस लाख से अधिक आबादी शहरों की श्रेणी में पहले स्थान में जगह बनाने वाले शहर को 1.50 करोड़, दूसरे स्थान पर रहने वाले शहर को एक करोड़ व तीसरे स्थान पर रहने वाले शहर को 25 लाख रुपए का पुरस्कार किए गए। वहीं तीन से दस लाख की आबादी वाले शहरों में पहले स्थान पर रहने वाले शहर को 75 लाख रूपए, दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाले शहरों को 25-25 लाख रूपए दिए गए। वहीं तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में पहले स्थान पर शामिल शहर को 37.50 लाख, दूसरे नंबर पर रहने वाले शहर को 25 लाख और तीसरे नंबर पर रहने वाले शहर को 12.50 लाख रुपए दिए गए।

    इन बड़ी पहलों ने इंदौर, जबलपुर, आगरा को शीर्ष में दिलाई जगह

    पहला स्थान- इंदौर (200 अंक)- एक दिन में 16 लाख पौधरोपण का विश्व रिकॉर्ड, 120 इलेक्ट्रिक व 150 सीएनजी बसों का संचालन

    दूसरा स्थान- जबलपुर (199 अंक)- कचरे से बिजली पैदा करने का 11 मेगावाट का बिजली पैदा करने का प्लांट

    तीसरा स्थान- आगरा (196 अंक)- बड़े पैमाने पर जमा कचरे का निस्तारण किया। जापानी तकनीक से सघन पौधरोपण किया।

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