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    Indus Water Sharing: सिंधु जल बंटवारे पर भारत-पाक की होती रहेगी बात, दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के स्तर पर हो रही है बातचीत

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Tue, 31 May 2022 10:00 PM (IST)

    India Pakistan Relation भारत और पाकिस्तान के बैक चैनल वार्ताओं के चलने के कयासों के बीच मंगलवार को दोनों देशों के बीच सिंधु जल बंटवारे पर स्थापित स्थाई आयोग की बैठक संपन्न हुई। यह दोनों देशों के बीच गठित आयोग की 118वीं बैठक थी।

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    सिंधु जल बंटवारे पर स्थापित स्थाई आयोग की बैठक संपन्न

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बैक चैनल वार्ताओं के चलने के कयासों के बीच मंगलवार को दोनों देशों के बीच सिंधु जल बंटवारे पर स्थापित स्थाई आयोग की बैठक संपन्न हुई। यह दोनों देशों के बीच गठित आयोग की 118वीं बैठक थी। भारत ने कहा है कि बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई जिसमें मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष की योजना को स्वीकृति दी गई। भारत ने यह भी कहा है कि आयोग के बीच इस बात की सहमति बनी है कि उनके बीच लगातार वार्ता होती रहनी चाहिए और सिंधु जल बंटवारे से संबंधित जो भी मुद्दे हैं उनको द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाया जाना चाहिए।

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    वर्ष 2016 में जब पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने पठानकोट पर हमला किया था, तब भारत ने सिंधु जल बंटवारे को रद करने की धमकी देते हुए कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बहाया जा सकता। विदेश मंत्रालय के ताजे बयान से साफ है कि भारत का रुख काफी बदला हुआ है। बताते चलें कि पाकिस्तान में सरकार बदलने के साथ ही भारत के साथ रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए नए सिरे से वार्ता शुरू करने को लेकर चर्चा है।

    शाहबाज मुहम्मद शरीफ के पीएम बनने के कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान सरकार ने नई दिल्ली स्थित उच्चायोग में ट्रेड मिनिस्टर की नियुक्ति को मंजूरी दी है। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पहले कई बार भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने की बात करते रहे हैं। दोनों देशों के बीच तीर्थ यात्रियों के लिए भी वीजा बढ़ा दिया गया है।

    जानकारों का कहना है कि दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के स्तर पर पहले से ही बातचीत हो रही है। कुछ वर्ष पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच भी किसी तीसरे देश में मुलाकात होने की चर्चा हुई थी लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई। इस वार्ता के आधार पर ही फरवरी, 2021 में दोनों देशों के बीच युद्ध विराम लागू करने की घोषणा हुई थी जिसका मोटे तौर पर अभी भी पालन किया जा रहा है।