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    नए सेफ्टी नियमों का इंडिगो पर पड़ा सबसे ज्यादा असर, क्या है वजह?

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 04:54 PM (IST)

    देशभर के एयरपोर्ट्स पर इंडिगो की उड़ानों में देरी और रद होने से अफरा-तफरी मची है। इंडिगो ने इसके लिए परिचालन संबंधी चुनौतियों को जिम्मेदार ठहराया है, ...और पढ़ें

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    नए सेफ्टी नियमों का इंडिगो पर पड़ा सबसे ज्यादा असर

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर के एयरपोर्ट्स में इंडिगो के काउंटर पर अफरा-तफरी मची हुई है। लोगों में गुस्सा, बेताबी, और लाचारी साफ देखने को मिल रही है। लेकिन सवाल ये है कि यात्री करें तो क्या करें?

    एयरलाइन इन दिनों देशव्यापी ऑपरेशनल दिक्कतों से जूझ रही है। इस समस्या के चलते सैकड़ों फ्लाइट्स  देरी से चल रही हैं और सैकड़ों को कैंसिल किया जा रहा है। एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्री परेशानी हो रहे हैं।

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    एयरपोर्ट पर परेशान यात्री। फोटो - सोशल मीडिया 

    हजारों यात्री एयरपोर्ट पर परेशान

    जब यात्री सोशल मीडिया पर तमाम पोस्ट और वीडियो के जरिये अपनी निराशा और लाचारी दिखा रहे हैं, तो इस मुश्किल समय में हम आपके पूछे गये हर सवालों के जवाब दे रहे हैं।

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    सबसे ज्यादा जो सवाल ऑनलाइन पूछा जा रहा है वो ये है कि जब देश में हर एयरलाइन्स के लिए नियम बदले हैं तो आखिर इंडिगो को ही इतनी भीषण समस्या का सामना क्यों करना पड़ रहा है, जबकि बाकी एयरलाइन्स अपने समयानुसार चल रहीं हैं

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    कई उड़ाने रद। फोटो - सोशल मीडिया

    इस गड़बड़ी की वजह क्या है?

    इंडिगो ने इस स्थिति के लिए ऑपरेशनल चुनौतियों को जिम्मेदार ठहराया है। इनमें छोटी-मोटी तकनिकी गड़बड़ियां, सर्दियों के मौसम से जुड़े शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम, एविएशन सिस्टम में बढ़ी भीड़ और अपडेटेड क्रू रोस्टरिंग नियम (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) को लागू करना शामिल है।

    हालांकि इनमें से ज्यादातर वजहें आम हैं, लेकिन आखिरी वजह सबसे बड़ी है। जनवरी 2024 में, नेशनल एविएशन रेगुलेटर, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने पैसेंजर एयरक्राफ्ट के नियमों में बड़े बदलाव किए। नए नियम पैसेंजर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पायलट और क्रू को पूरा आराम देने पर फोकस थे।

    क्या है इन नियमों में खास?

    फ्लाइट क्रू के लिए सप्ताह में अधिक आराम का समय देना, रात की उड़ानों में बदलाव करना और और रात में लैंडिंग की संख्या पर लिमिट लगाना है। उदाहरण के लिए, पायलट और क्रू के लिए नाइट शिफ्ट को रोस्टर पीरियड में सिर्फ दो बार कर दिया गया, जो पहले छह थी।

    जैसे ही नए नियम लागू हुए बहुत से क्रू मेंबर अब एयरलाइन के पहले के शेड्यूल के हिसाब से ड्यूटी पर नहीं आ सके। इससे रोस्टर में गड़बड़ी हुई और फ्लाइट कैंसल होने लगीं।

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    एयरपोर्ट पर परेशान यात्री। फोटो - सोशल मीडिया

    इंडिगो पर क्यों पड़ा सबसे ज्यादा असर?

    नए नियमों के लागू होने से इंडिगो पर इतना बुरा असर पड़ने का एक कारण इसके ऑपरेशन का बहुत बड़ा साइज़ होना है। इंडिगो की वेबसाइट के मुताबिक एयरलाइन्स इंडिगो रोजाना 2,200 से अधिक डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट ऑपरेट करती है।

    यह एअर इंडिया की एक दिन में ऑपरेट की जाने वाली फ्लाइट्स की संख्या से लगभग दोगुनी है। इतने बड़े पैमाने पर, 10-20 परसेंट लेट या कैंसिल होने का मतलब भी असल में 200-400 फ्लाइट और हजारों पैसेंजर्स के लिए एक बड़ी मुसीबत है।

    एक और खास बात यह है कि इंडिगो खुद को एक लो-कॉस्ट एयरलाइन के तौर पर पेश करता है साथ ही ट्रेडिशनली हाई-फ्रिक्वेंसी ओवरनाइट ऑपरेशन पर निर्भर रही है, जिससे फ्लाइट के घंटे ज्यादा हो जाते हैं और डाउनटाइम कम से कम होता है। ये सभी DGCA के नए नियमों के खिलाफ हैं। यहीं वजह है कि अफरा-तफरी मची है।

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    IndiGO काउंटर पर परेशान यात्री। फोटो - सोशल मीडिया

    कितनी फ्लाइट्स पर पड़ा असर?

    पिछले 48 घंटों में 300 से ज्यादा उड़ाने कैंसिल हो चुकी हैं। आज यानी गुरुवार को करीब 100 उड़ाने कैंसिल होने हुईं। इनमें से 33 हैदराबाद से और हैदराबाद के लिए हो सकती हैं। बेंगलुरु में 70 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो सकती हैं।

    सब सुधरेंगे हालात?

    इंडिगो ने भरोसा दिलाया है कि अगले 48 घंटों में उसका ऑपरेशन नॉर्मल हो जाएगा। सिस्टम में दिक्कत को कम करने के लिए 'कैलिब्रेटेड एडजस्टमेंट' शुरू कर दिए हैं।