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    इंडिगो की 10% उड़ानों में कटौती, क्या खाली स्लॉट में अन्य एयरलाइन्स को मिलेगी जगह?

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 10:35 PM (IST)

    नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो से 10% उड़ानें वापस ले ली हैं, पर यह स्पष्ट नहीं है कि इन खाली स्लॉटों पर अन्य एयरलाइंस सेवा दे पाएंगी या नहीं। विंटर ...और पढ़ें

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    इंडिगो की 10% उड़ानों में कटौती

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने इंडिगो से उसके लिए आवंटित उड़ान स्लॉटों में से 10 फीसद उड़ानें वापस तो ले ली हैं लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि खाली स्लॉटों पर कोई अन्य एयरलाइन अपनी सेवा दे सकेगी या नहीं।

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    नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा 24 अक्टूबर 2025 को जारी विंटर शेड्यूल 2025 की सूचना पर नजर जालें तो यह साफ हो जाता है कि इंडिगो की तरफ से खाली स्लाटों को लेने की स्थिति में देश की और कोई एयरलाइन नहीं है।

    इंडिगो की 10% उड़ानें नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने वापस लीं

    मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, विंटर शेड्यूल 2025 (26 अक्टूबर 2025 से 28 मार्च 2026) में कुल साप्ताहिक उड़ानें 26,495 होंगी, जो पिछले विंटर शेड्यूल 2024 की तुलना में 5.95 फीसद ज्यादा थी।

    इनमें सबसे ज्यादा 15,014 उड़ानें हर हफ्ते इंडिगो को चलानी थी। इंडिगो की तुलना अन्य एयरलाइनों से करें तो साफ हो जाता है कि वह अपनी आवंटित उड़ानों में ही व्यस्त रहेंगी।

    विंटर शेड्यूल 2025 में इंडिगो को चलानी थीं 15,014 उड़ानें

    एअर इंडिया के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर व एविएशन सेक्टर के विशेषज्ञ जितेन्द्र भार्गव का कहना है कि, “इंडिगो की स्थिति सभी के सामने है, एअर इंडिया विस्तारा विलय के बाद नेटवर्क को स्थिर करने में लगी है, जबकि अकासा और अन्य छोटी एयरलाइंस के पास इतने बड़े स्लॉट उठाने की क्षमता नहीं है।''

    सबसे बड़ी बात है कि इंडिगो के बाद सबसे ज्यादा उड़ानें एअर इंडिया 4277 उड़ानें संचालित कर रही है जो इस साल गर्मियों के मौसम में कंपनी की तरफ से संचालित उड़ानों से 0.77 फीसद कम है। एअर इंडिया एक्सप्रेस भी छह फीसद कम उड़ानें चला रही है।

    खाली स्लॉट से यात्री किराये पर होगा सीधा असर

    स्पाईस जेट ने 26 फीसद ज्यादा उड़ानों की बात की है लेकिन उसकी बाजार हिस्सेदारी सिर्फ तीन फीसद के करीब है। बुधवार को स्पाइस जेट ने कहा है कि वह पहले से निर्धारित उड़ानों में सौ नई उड़ानें शामिल करने जा रही है। कंपनी ने हाल के महीनों में खरीदे गए 17 नए विमानों के आधार पर यह आत कही है।

    अकासा एयर से भी खास उम्मीद नहीं की जा सकती। इसे भी गर्मियों के मुकाबले इस बार सर्दियों के व्यस्त मौसम (अक्टूबर, 2025 से मार्च, 2026) में 5.7 फीसद कम उड़ानें (1027 प्रति सप्ताह) की अनुमति मिली है।

    विशेषज्ञ बताते हैं कि खाली स्लॉट रहने का मतलब है कि यात्री किराये पर भी दबाव होगा। हालांकि एमओसीए की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि वह इंडिगो विवाद के बाद घरेलू मार्गों पर सामान्य वर्ग में हवाई किराये पर लगातार नजर रखने जा रहे हैं।