इंडिगो पर DGCA का तगड़ा एक्शन... पायलट ट्रेनिंग में गड़बड़ी मिलने पर लगाया 40 लाख का जुर्माना
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो एयरलाइंस पर पायलट प्रशिक्षण में खामियों के चलते 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इंडिगो ने कालीकट, लेह और काठमांडू जैसे हवाई अड्डों के लिए अयोग्य सिमुलेटरों पर पायलटों को प्रशिक्षण दिया। डीजीसीए ने इंडिगो के प्रशिक्षण निदेशक और उड़ान संचालन निदेशक पर भी जुर्माना लगाया है। नियामक ने एअर इंडिया के विमानों की सुरक्षा को लेकर भी निर्देश जारी किए हैं।

'अयोग्य फ्लाइट सिमुलेटर' पर पायलट प्रशिक्षण आयोजित किया था (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलट प्रशिक्षण में कथित खामियों के चलते इंडिगो एअरलाइंस पर कुल 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना इस बात पर लगाया गया है कि विमान कंपनी ने कालीकट, लेह और काठमांडू सहित महत्वपूर्ण हवाई अड्डों पर संचालन के लिए 'अयोग्य फ्लाइट सिमुलेटर' पर पायलट प्रशिक्षण आयोजित किया था।
आधिकारिक आदेशों के अनुसार, डीजीसीए की नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (सीएआर) और विमान नियम, 1937 के नियम 133ए के तहत निर्देशों का पालन न करने पर इंडिगो के प्रशिक्षण निदेशक और उड़ान संचालन निदेशक (डीएफओ) पर 20-20 लाख रुपये के दो अलग-अलग जुर्माने लगाए गए हैं।
डीजीसीए की जांच में हुआ खुलासा
इंडिगो के प्रशिक्षण रिकॉर्ड और 24 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक के ईमेल प्रतिक्रियाओं पर आधारित डीजीसीए की जांच से पता चला है कि कैप्टन और फर्स्ट ऑफिसर्स सहित लगभग 1,700 पायलटों के लिए सिमुलेटर प्रशिक्षण, पूर्ण उड़ान सिमुलेटर (एफएफएस) का उपयोग करके आयोजित किया गया था जो 'सी' श्रेणी वाले हवाई अड्डों के लिए अनुमोदित या योग्य (क्वालिफाइड) नहीं थे।
कालीकट, लेह और काठमांडू जैसे इन हवाई अड्डों को उनके भूभाग, मौसम और पहुंच संबंधी चुनौतियों के कारण 'सी' श्रेणी के रूप में नामित किया गया है, जहां ऐसे कार्यों के लिए विशेष रूप से प्रमाणित उपकरणों पर विशेष सिमुलेटर प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। डीजीसीए के आदेश में चेन्नई, दिल्ली, बेंगलुरु, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और हैदराबाद में प्रशिक्षण सुविधाओं में स्थित 20 सिमुलेटर सूचीबद्ध हैं।
ये उपकरण सीएसटीपीएल, एफएसटीसी, एसीएटी और एअरबस जैसे प्रशिक्षण संगठनों के हैं और संबंधित प्रशिक्षण सत्रों में इस्तेमाल किए जाने के बावजूद ये कालीकट और लेह के लिए उपयुक्त नहीं पाए गए। इन निष्कर्षों के बाद डीजीसीए ने 11 अगस्त, 2025 को इंडिगो के प्रशिक्षण निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी कर उल्लंघनों के लिए स्पष्टीकरण मांगा था। 22 अगस्त, 2025 को प्रस्तुत इंडिगो का जवाब असंतोषजनक पाया गया, जिसके कारण नियामक ने जुर्माना लगाया
क्या होता है फ्लाइट सिमुलेटर?
फ्लाइट सिमुलेटर एक ऐसा उपकरण या सॉफ्टवेयर है जिसका उपयोग पायलटों को प्रशिक्षित करने, विमानों को डिजाइन करने और शोध करने जैसे उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह पायलटों को वास्तविक विमान उड़ाने से पहले बुनियादी चेक, नियंत्रण और आपातकालीन प्रक्रियाओं का अभ्यास करने में मदद करते हैं। यह चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों (जैसे खराब मौसम, इंजन की खराबी) का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है, और टैक्टिकल शिफ्ट, पैराड्रॉपिंग, पैराट्रूपिंग एवं आपदा राहत जैसे मिशनों को सफल बनाने में सक्षम बनाता है।
डीजीसीए ने एअर इंडिया को उन सभी विमानों में आरएटी (आपातकालीन ऊर्जा स्त्रोत) का दोबारा निरीक्षण करने का निर्देश दिया है जिनके पावर कंडीशनिंग मॉड्यूल को टाटा समूह के स्वामित्व वाली इस एअरलाइन ने हाल ही में बदला है। साथ ही, विमानन सुरक्षा नियामक ने अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से बिना कमांड वाले रैम एअर टर्बाइन (आरएटी) की तैनाती की घटना के संबंध में लागू किए जाने वाले निवारक उपायों पर एक व्यापक रिपोर्ट मांगी है।
यह घटनाक्रम हाल ही में एअर इंडिया 787 विमानों से जुड़ी दो लगातार घटनाओं के बाद सामने आया है। पायलटों के समूह फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने बिजली व्यवस्था और रखरखाव संबंधी समस्याओं का हवाला देते हुए विमानों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री को एक पत्र लिखकर सरकार से एअर इंडिया के पूरे बी787 विमान बेड़े को उड़ान भरने से रोकने और एअरलाइन का विशेष ऑडिट करने का आग्रह किया है।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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