'15 दिसंबर तक सामान्य हो जाएगी स्थिति', फ्लाइट कैंसिलेशन और अफरा-तफरी के बीच बोले IndiGo CEO
इंडिगो के सीईओ ने फ्लाइट कैंसिलेशन पर माफी मांगी और 15 दिसंबर तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए ...और पढ़ें

इंडिगो के सीईओ ने लोगों से माफी मांगी है (फोटो: स्क्रीनग्रैब)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडिगो की फ्लाइट कैंसिलेशन और यात्रियों में मची अफरा-तफरी के बीच इंडिगो के सीईओ ने लोगों से माफी मांगी है। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा है कि से 10 से 15 दिसंबर के बीच स्थिति पूरी तरह नॉर्मल होने की उम्मीद है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रिकवरी में अभी समय लेगा।
इंडिगो के सीईओ की यह सार्वजनिक माफी तब सामने आई है, जब शुक्रवार को एक हजार से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं। यह समस्या शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित दिन था। पिछले तीन चार दिनों से हवाई यात्री जिस कदर परेशान रहे उसके लिए ज्यादा जिम्मेदार इंडिगो को ठहराया जाए या फिर एअरलाइन सेवा की नियामक संस्था डीजीसीए ( नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) को..।
हेल्पलाइन नंबर जारी
इंडिगो फ्लाइट्स में सर्विस में रुकावट के मामले में मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन ने एक 24×7 कंट्रोल रूम बनाया है, जो स्थिति पर रियल-टाइम नजर रख रहा है। जिससे तुरंत सही कदम उठाए जा सकें और असरदार कोऑर्डिनेशन हो सके। जैसे ही कोई समस्या आए उसे तुरंत हल किया जा सके। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
011-24610843
011-24693963
096503-91859
क्यों पैदा हुई ऐसी स्थिति?
जिस तरह पूरे साल डीजीसीए आंखे बंद किए बैठा रहा और भारी अफरातफरी के बाद एअरलाइन के दबाव में आकर डीजीसीए ने पायलट और क्रू मेंमर के कार्यघंटे में ढिलाई बरत दी उससे यही लगता है कि डीजीसीए ज्यादा जिम्मेदार है। क्योंकि लगभग एक साल पहले दिए गए दिशानिर्देश का पालन हो रहा है या नहीं इस बाबत पिछले महीनों में डीजीसीए ने कभी पड़ताल ही नहीं की।
आखिरी मौके पर जब एअरलाइन ने हाथ खड़े कर दिए तो डीजीसीए ने भी निर्देश वापस ले लिया। इंडिगो की रोजाना सैकड़ों उड़ानों के रद्द होने की स्थिति पर गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय में देर रात तक चली बैठक में जब कोई ठोस नतीजा नहीं निकला तो पांच दिसंबर को तड़के इंडिगो ने एक साथ 400 उड़ानों के रद्द होने की घोषणा कर दी। इसके कुछ देर बाद डीजीसीए ने एक अप्रत्याशित फैसला लेते हुए सभी एयरलाइंस ऑपरेटर्स को जारी साप्ताहिक आराम (वीकली रेस्ट) संबंधी निर्देशों को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया।
डीजीसीए ने क्या कहा?
इसके कुछ देर बाद डीजीसीए ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए देश के एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीएआई) और सभी पायलट संघों व पायलटों से पूर्ण सहयोग की अपील की गई कि वह देश के उड्डयन क्षेत्र में व्यवस्था लाने में मदद करें ताकि उड़ानों को सुचारू तौर पर शुरू किया जा सके और हवाई अड्डों पर भारी अफरा-तफरी के माहौल को खत्म किया जा सके।
डीजीसीए ने अपने आदेश में कहा है कि, 'चल रही ऑपरेशनल गड़बडि़यों और संचालन की निरंतरता व स्थिरित सुनिश्चित करने पर विभिन्न एयरलाइंस से प्राप्त सुझावों को देखते हुए, 'साप्ताहिक आराम के लिए कोई छुट्टी प्रतिस्थापित नहीं की जाएगी' से जुड़े पैराग्राफ में निहित निर्देश को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।' यह निर्देश मूल रूप से 20 जनवरी 2025 को जारी किया गया था, जो फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के तहत क्रू मेंबर्स के 48 घंटे के साप्ताहिक आराम को सुनिश्चित करने के लिए था।
उड़ानों के व्यवस्थित होने में अभी लगेगा वक्त?
डीजीसीए के इस फैसले से इंडिगो को राहत मिली है लेकिन घरेलू उड़ानों के व्यवस्थित होने में अभी वक्त लगेगा। साथ ही डीजीसीए के इस कदम कदम को उसके यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के वादे से पीछे हटने के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि अगर पायलट दबाव में होंगे तो उसका असर सुरक्षा पर दिख सकता है। इस प्रकरण ने यह साबित किया है कि भारतीय एविएशन सेक्टर में बहुत कुछ ठीक नहीं है और खास तौर पर नियमन व्यवस्था पर सवाल उठता है।
आज यह स्थिति इसलिए पैदा हुई है कि भारतीय एविएशन बाजार के 65 फीसद हिस्से रखने वाली कंपनी इंडिगो ने कई महीनों का समय मिलने के बावजूद पर्याप्त क्रू और पायलटों की नियुक्ति नहीं की तो दूसरी तरफ यह डीजीसीए ने एयरलाइंस की ओर से क्रू भर्ती और नये नियमों के तहत उनकी तैनाती की तैयारी का सही मूल्यांकन नहीं किया। यह बात भी सामने आ गई है कि इंडिगो ने यात्रियों की सुरक्षा जैसे बेहद संवेदनशील मामले में भी समय पर उचित कदम उठाने की जगह नियामक एजेंसी के साथ मोल-भाव किया।
यह सवाल है कि डीजीसीए ने लगातार निगरानी क्यों नहीं की कि इंडिगो पायलटों की नियुक्ति शुरू की या नहीं। पहले ही सरकार की ओर से कंपनी पर दबाव क्यों नहीं बनाया गया। या फिर जानबूझकर नजरअंदाज किया गया। इंडिगो की उड़ानों में विलंब और रद्द होने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं और इसका कारण कंपनी में पर्याप्त क्रू सदस्यों का नहीं होना है। नवंबर में ही 1,232 उड़ानें रद्द हुई जिनमें से 755 क्रू और एफडीटीएल संबंधी कारणों से थी। दिसंबर में उसके पास केवल 2,357 कैप्टन और 2,194 फर्स्ट ऑफिसर उपलब्ध हैं, जबकि जरूरत इससे काफी ज्यादा की है।
पायलट संघों से सहयोग की अपील
डीजीसीए ने पायलट संघों से सहयोग की अपील करते हुए कहा, 'मौजूदा स्थिति को देखते हुए, हम एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए इंडिया) और पूरे भारत के सभी पायलट बॉडीज, संघों तथा पायलटों से पूर्ण सहयोग की अर्जेंट अपील करते हैं। आपका समर्थन व्यस्त और मौसम-संवेदनशील अवधि के दौरान स्थिर और सुगम उड़ान संचालन बनाए रखने, अनावश्यक विलंब और रद्दीकरण को कम करने, महत्वपूर्ण यात्रा मौसम के दौरान यात्रियों को और असुविधा न देने तथा पायलटों और एयरलाइंस के बीच समन्वय को मजबूत करने के लिए अपरिहार्य है।'
डीजीसीए ने पायलटों की भूमिका का सम्मान करते हुए एफडीटीएल नियमों के कार्यान्वयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। साथ ही यह भी कहा है कि आने वाले समय में मौसम खराब होने, छुट्टियों व शादियों के मौसम में लोग ज्यादा यात्रा करेंगे जिससे चुनौतियां और बढ़ेंगी। यात्रियों की संख्या काफी बढ़ने की संभावना है जिससे यात्रियों की सुरक्षा व सही समय पर सेवा देना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
(ब्यूरो के इनपुट के साथ)

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