व्यापार, तकनीक और रक्षा... नई ऊंचाइयों की ओर भारत-ब्रिटेन संबंध, किन-किन सेक्टर में हुई डील?
प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर की मुलाकात से भारत-ब्रिटेन के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर जाएंगे। व्यापार, तकनीक, रक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। दोनों नेताओं ने विजन-2035 पर चर्चा की, जिसमें अगले दस वर्षों के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों देश साथ हैं और शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

भारत-ब्रिटेन संबंधों में नई ऊंचाइयां। इमेज सोर्स- @narendramodi
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बेहद तेजी से बदलते वैश्विक माहौल में अपने संबंधों की दिशा तलाशते भारत और ब्रिटेन के लिए गुरुवार (नौ अक्टूबर, 2025) का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा। मुंबई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता और दिन में कम से कम तीन बार अलग-अलग कार्यक्रमों हुई मुलाकात ने व्यापार, तकनीक, रक्षा व सांस्कृतिक साझेदारी के क्षेत्र में भारत-ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की राह दिखाई।
तीन महीने पहले ही लंदन में प्रधानमंत्री मोदी और स्टार्मर के बीच बैठक हुई थी और दोनों देशों के बीच समग्र आर्थिक व कारोबारी समझौते (सीटा) को लेकर समझौता हुआ था। इतने कम अंतराल में ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यहां की यात्रा करना उनकी सरकार की तरफ से भारत को दी जा रही तवज्जो को दर्शाता है। बाद में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया, 'दोनों नेताओं के बीच बातचीत भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत विजन-2035 पर केंद्रित रही, इसके तहत अगले दस वर्षों के दौरान व्यापार, रक्षा, तकनीक, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, जैसे क्षेत्रों के लक्ष्यों पर चर्चा हुई।'
द्विपक्षीय वार्ता के बाद मोदी ने कहा, 'भारत और ब्रिटेन प्राकृतिक तौर पर साझीदार हैं। हमारे संबंधों की नींव में लोकतंत्र, आजादी और कानून का शासन जैसे मूल्यों में साझा विश्वास है। मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत व ब्रिटेन के बीच बढ़ती हुई साझीदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण आधार बनी है। गुरुवार की बैठक में हमने ¨हद प्रशांत, पश्चिम एशिया में शांति, यूक्रेन में संघर्ष विराम पर भी विचार साझा किए। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामुद्रिक सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं।'
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, 'हमारा लक्ष्य 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है और 2047 तक विकसित भारत का सपना साकार करना है।' इसके बाद स्टार्मर ने कहा, भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिकी बनने की तरफ अग्रसर है और ब्रिटेन उसकी इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण साझीदार बनने के लिए एकदम सही है। हाल के पहलगाम हमले की ¨नदा करते हुए स्टार्मर ने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध हमारी साझा प्रतिबद्धता अटल है।
हल्के मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति करेगा ब्रिटेन
स्टार्मर अपने साथ 126 ब्रिटिश कंपनियों के प्रतिनिधियों को लेकर आए हैं और अपनी यात्रा के लिए उन्होंने भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई को चुना, जो यह बताता है कि ब्रिटेन की सरकार आर्थिक संबंधों को ज्यादा तरजीह दे रही है। लेकिन मोदी-स्टार्मर की बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणा पत्र से यह साफ है कि दोनों देशों की नजर रक्षा व रणनीतिक सहयोग पर भी काफी ज्यादा है। इसके मुताबिक दोनों देशों के बीच सैन्य बलों के साझा प्रशिक्षण में सहयोग किया जाएगा। ¨हद प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच बेहतरीन सहयोग स्थापित होगा। सबसे महत्वपूर्ण, भारतीय नौसेना के इस्तेमाल के लिए इलेक्टि्रक प्रोप्लशन सिस्टम विकसित करने के लिए भारत व ब्रिटेन की सरकारों के बीच आशय पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। दोनों सरकारों में हल्के मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति को लेकर भी समझौता हुआ है। इस प्रौद्योगिकी में ब्रिटेन को पहले से महारत है।
आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग बढ़ाएंगे
दोनों प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद और ¨हसक उग्रवाद की सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में स्पष्ट रूप से और कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के प्रति जीरो टोलरेंस, संयुक्त राष्ट्र चार्टर तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप आतंकवाद से निपटने के लिए व्यापक और निरंतर अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का आह्वान किया। वे कट्टरपंथ और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने, आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकियों की सीमा-पार आवाजाही को रोकने में आपसी सहयोग को और मजबूत बनाने पर सहमत हुए हैं। संयुक्त घोषणा पत्र में अप्रैल, 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कठोरतम शब्दों में निंदा करते हुए वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित आतंकियों, आतंकी संगठनों और उनके प्रायोजकों के विरुद्ध निर्णायक और संयुक्त कार्रवाई करने के लिए सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई गई है।
नौ ब्रिटिश विश्वविद्यालय भारत में खोलेंगे कैंपस
शिक्षा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग प्रगाढ़ हो रहा है। नौ ब्रिटिश विश्वविद्यालयों ने भारत में कैंपस खोलने की घोषणा की, जो ब्रिटेन को यहां सबसे बड़ा उच्च शिक्षा उपस्थिति वाला देश बनाएगा। भारत और ब्रिटेन के बीच गुरुवार को कुल 12 सहमति पत्रों व समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसमें दुलर्भ खनिजों की आपूर्ति को लेकर एक आब्जरबेटरी बनाना भी है। इसकी स्थापना धनबाद में की जाएगी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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