शहरों में 5 डिग्री तक बढ़ा तापमान, दिल्ली में बाढ़ का खतरा; विश्व बैंक की चौंकाने वाली रिपोर्ट
वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के प्रमुख शहरों में रात का तापमान ग्रामीण इलाकों से 3-5 डिग्री अधिक रहता है। दिल्ली चेन्नई और लखनऊ जैसे शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण तापमान में यह अंतर देखा गया है। रिपोर्ट में अगले 50 सालों में भारी बारिश के कारण बाढ़ का खतरा 73 से 100 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के प्रमुख शहरों में रात का तापमान आसपास के ग्रामीण इलाकों से कितना अधिक रहता है, इस पर वर्ल्ड बैंक की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली, चेन्नई, लखनऊ जैसे घनी आबादी वाले शहरों में रात के समय तापमान काफी अधिक रहता है।
इस रिपोर्ट ने न सिर्फ आने वाले समय में घनी आबादी वाले इलाकों में गर्मी के बढ़ते खतरे की ओर इशारा किया गया है, बल्कि इसकी गंभीरता और वजह पर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में भारत के 24 शहरों को शामिल किया गया है। इसमें चेन्नई, इंदौर, नई दिल्ली, लखनऊ, सूरत और तिरुवनंतपुरम शामिल हैं।
लखनऊ और अन्य शहरों का बुरा हाल
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के प्रमुख शहरों में रात का तापमान पूरे साल आसपास के ग्रामीण इलाकों के तापमान से 3-4 डिग्री अधिक रहता है। इसका मुख्य कारण स्ट्र्क्चर, सड़कें और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर हैं।
मंगलवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि लखनऊ में रात के समय तापमान 5 डिग्री अधिक रहता है, जबकि चेन्नई या सूरत में तापमान का फर्क 3-4 डिग्री का है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगले 50 साल में भारी बारिश के कारण बनने वाली बाढ़ की स्थिति (वर्षा बाढ़) का जोखिम 73 से 100 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है।
भारत के शहरों में दिल्ली में निर्मित क्षेत्र सबसे ज्यादा वर्षा बाढ़ का प्रभाव झेलते हैं। अगर किसी तरह का सुधार नहीं किया गया, तो 2070 तक वर्षा बाढ़ से होने वाला नुकसान 30 अरब डॉलर का हो सकता है। 2050 तक भारत के प्रमुख शहरों में वर्तमान की तुलना में 30 से 50 फीसदी अधिक गर्म दिन और रात होने की चेतावनी दी गई है।
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