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    'मुनीर वही गलतियां दोहरा रहे हैं जो मुशर्रफ ने की थीं', पूर्व उच्चायुक्त पार्थसारथी ने पाक सेना को जमकर लताड़ा

    Updated: Mon, 12 May 2025 12:21 AM (IST)

    भारत के पूर्व उच्चायुक्त जी. पार्थसारथी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के बाद पाकिस्तानी सेना की आलोचना की। उन्होंने कारगिल संघर्ष की याद दिलाते हुए कहा कि जनरल असीम मुनीर वही गलती दोहरा रहे हैं जो मुशर्रफ ने की थी। पार्थसारथी ने पीएम मोदी और भारतीय सेना को श्रेय दिया।

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    मुनीर वही गलतियां दोहरा रहे हैं जो मुशर्रफ ने की थीं। (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त जी. पार्थसारथी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किए जाने के बाद वहां के सैन्य नेतृत्व की हिमाकत के लिए कड़ी आलोचना की है।

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    इसकी कारगिल संघर्ष के साथ तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं पाकिस्तान में था, तब परवेज मुशर्रफ ने हिमालय के ऊंचे पहाड़ों पर कब्जा करके कारगिल संघर्ष की शुरुआत की थी। हमने हिमालय की ऊंचाई पर उन्हें सबक सिखाया और उन्हें कारगिल से खदेड़ दिया। मुझे इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि जनरल असीम मुनीर वही गलतियां दोहरा रहे हैं जो मुशर्रफ ने की थीं।

    जानिए और क्या बोले पार्थसारथी? 

    पाकिस्तानी सेना का वहां के नागरिक सरकार पर प्रभुत्व का उल्लेख करते हुए पार्थसारथी ने कहा कि मुशर्रफ ने गलती की, तख्तापलट किया और फिर सत्ता पर कब्जा कर लिया। मुझे उम्मीद है कि वे (सेना) अब पाकिस्तान में अपनी नागरिक सरकार की रक्षा करने में सक्षम होंगे क्योंकि असीम मुनीर के लिए स्थिति को अब हास्यास्पद बना दिया गया है, जैसा कि पहले हमने कारगिल में परवेज मुशर्रफ के साथ किया था।

    पीएम मोदी को दिया पूरा श्रेय

    पार्थसारथी ने भारतीय सरकार और सशस्त्र बलों को उनकी भूमिका के लिए श्रेय देते हुए कहा कि इसका सारा श्रेय पीएम मोदी और उनकी सरकार में सभी को जाता है। लेकिन, सबसे अधिक श्रेय हमारी सेना और समग्र रूप से सशस्त्र बलों को जाता है।

    पाकिस्तानी पीएम की छवि काफी खराब: पार्थसारथी

    उन्होंने कहा कि जहां तक पाकिस्तान के साथ संबंधों का सवाल है। उनके पास एक ऐसा प्रधानमंत्री है जिसकी छवि बहुत खराब है और सेना ने ही वस्तुत: उस देश को चलाया है। भारत के खिलाफ सैन्य अभियानों को प्रधानमंत्री के समक्ष नहीं रखा गया और न ही प्रधानमंत्री ने उन्हें मंजूरी दी।

    उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया भी गया है तो इस बारे में बात नहीं की गई है और इसलिए अब शहबाज शरीफ शांति की मांग कर रहे हैं, जैसा कि उनके भाई ने कारगिल के दौरान हमसे मांगा था। इसलिए मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मुझे भारतीय होने पर बहुत गर्व है और मैं अपने पाकिस्तानी दोस्तों पर खूब हंस रहा हूं।