भारत में हर मिनट में 26, तो चीन में 10 और यूएस में महज तीन बच्चों का होता है जन्म, जानें- कुछ रोचक तथ्य
भारत अगले वर्ष जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़कर विश्व का सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। चीन की तुलना यदि भारत से करें तो हमारे यहां हर मिनट 26 बच्चे पैदा होते हैं वहीं चीन में इनकी रफ्तार आधी है।

नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2023 में भारत चीन को पछाड़ कर विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। भारत को लेकर कुछ दिलचस्प आंकड़े हमारे सामने हैं। आपको बता दें कि भारत में हर मिनट में 26 की औसत से जनसंख्या बढ़ रही है। इसका अर्थ है कि हर मिनट भारत में 26 बच्चे पैदा होते हैं। इसका अर्थ है कि भारत में हर घंंटे डेढ़ हजार से अधिक और एक दिन में 37 हजार से अधिक बच्चे जन्म लेते हैं।
- वहीं, यदि भारत की तुलना चीन से करें तो वहां पर हर मिनट में दस बच्चे पैदा होते हैं वहीं यदि इन दोनों ही देशों की तुलना अमेरिका से करें तो वहां पर हर मिनट में केवल तीन बच्चे पैदा होते हैं। संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 13 जुलाई 2022 को भारत की आबादी डेढ़ अरब (1,512,624,453,678) को पार कर चुकी है।
- यूएन की रिपोर्ट में केवल भारत को लेकर ही बात नहीं की गई है बल्कि ये भी कहा गया है कि इस वर्ष नवंबर में विश्व की आबादी आठ अरब हो जाएगी।
- खास बात ये है कि विश्व ने 31 अक्टूबर 2011 को सात अरब का आंकड़ा छुआ था। 1959 में विश्व की कुल आबादी 3 अरब थी जबकि 1999 में ये दोगुनी होकर 6 अरब हो गई थी। रिपोर्ट बताती है कि वर्तमान में विश्व की जनसंख्या 1.05 फीसद प्रति वर्ष की रफ्तार से बढ़ रही है और हर वर्ष करीब आठ करोड़ लोग इसमें जुड़ जाते हैं। 1960 के दशक में विश्व की जनसंख्या में सबसे अधिक तेजी देखी गई थी और तब इसकी रफ्तार करीब 2.09 फीसद थी। ।
- यूएन की रिपोर्ट बताती है कि आने वााले समय में विश्व की जनसंख्या में वृद्धि की गति वर्ष 2050 तक 0.50 फीसद और वर्ष 2100 तक 0.03 फीसद तक हो जाएगी।
- 1800 में विश्व की आबादी 1 अरब हुआ करती थी। विश्व में आई औद्योगिक क्रांति ने इसको नए पर दिए थै। इसके बाद अगले 130 वर्षों में (1930) ये 2 अरब हो गई थी। वहीं अगले महज 30 वर्षों में (1960) विश्व की आबादी आश्चर्यजनक रूप से तीन अरब और अगले 15 वर्षों (1974) में ये 4 अरब तक जा पहुंची थी। 1987 में विश्व की आबादी 5 अरब, 1999 में छह अरब और 2011 में ये 7 अरब थी। कहने का अर्थ है कि विश्व की जनसंख्या के तेजी से बढ़ने का समय लगातार कम हुआ है।
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