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    भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट Vikram-S आज नहीं भरेगा उड़ान, खराब मौसम बना बाधा

    By TilakrajEdited By:
    Updated: Tue, 15 Nov 2022 11:06 AM (IST)

    Vikram-S launch देश का पहला प्राइवेट स्पेस कंपनी का रॉकेट Vikram S के लॉन्‍च में मौसम बाधा बन गई है। इसलिए आज इसकी लॉन्चिंग का टाल दिया गया है। विक्रम-एस 3 पे-लोड के साथ पृथ्‍वी की सब-ऑर्बिटल कक्षा में छोटे सैटेलाइट्स को स्‍थापित करेगा।

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    देश के पहले प्राइवेट स्पेस कंपनी का रॉकेट विक्रम-एस ISRO के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से उड़ान भरेगा।

    नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। देश का पहला प्राइवेट स्पेस कंपनी का रॉकेट Vikram S आज लॉन्‍च नहीं होगा। हैदराबाद स्थित स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस जो भारत के पहले निजी तौर पर विकसित रॉकेट, विक्रम-एस का प्रक्षेपण करने जा रही है, उसने बताया है कि इसकी तरीख को आगे खिसका दिया गया है। विक्रम-एस के लॉन्‍च में देरी की वजह खराब मौसम बताया जा रहा है। स्काईरूट एयरोस्पेस ने बताया कि Vikram S का लॉन्‍च अब 18 नवंबर 2022 को होगा। 

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    हालांकि, 18 नवंबर को रॉकेट लॉन्‍च होगा, ये भी मौसम पर निर्भर करेगा। विक्रम-एस के लॉन्‍च के लिए कंपनी को 15 से 19 नवंबर 2022 तक का समय मिला है। मौसम ठीक रहा, तो रॉकेट 18 नवंबर को सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर लॉन्‍च किया जाएगा।

    रॉकेट को Vikram S नाम क्‍यों?

    देश के पहले प्राइवेट स्पेस कंपनी का रॉकेट विक्रम-एस ISRO के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से उड़ान भरेगा। विक्रम-एस 3 पे-लोड के साथ पृथ्‍वी की सब-ऑर्बिटल कक्षा में छोटे सैटेलाइट्स को स्‍थापित करेगा। रॉकेट का नाम विक्रम-एस (Vikram-S) मशहूर भारतीय वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। इस लॉन्च को मिशन प्रारंभ (Mission Prarambh) नाम दिया गया है। स्काईरूट कंपनी के मिशन प्रारंभ के मिशन पैच का अनावरण ISRO चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने किया है।

    अगर Vikram-S सफल रहा तो...!

    विक्रम-एस से कई प्रयोग किए जा रहे हैं। यह एक सब-ऑर्बिटल उड़ान भरेगा। यह सिंगल स्टेज का सब-ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल है। ये अपने साथ तीन कमर्शियल पेलोड्स लेकर जाएगा। इस लॉन्चिंग में आम ईंधन के बजाय LNG यानी लिक्विड नेचुरल गैस और लिक्विड ऑक्सीजन (LoX) का इस्‍तेमाल किया जाएगा. यह किफायती होने के साथ साथ प्रदूषण मुक्त भी है। बताया जा रहा है कि Vikram-S का लॉन्‍च एक तरह की टेस्‍ट फ्लाइट होगी। अगर इसमें सफलता मिलती है, तो भारत प्राइवेट स्पेस कंपनी के रॉकेट लॉन्चिंग के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा।