दुनिया में भारतीय प्रवासियों की संख्या अधिक, खाड़ी देशों में सबसे ज्यादा इंडियन; दूसरे नंबर पर कौन?
संयुक्त राष्ट्र ने विश्व प्रवासन रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक इस साल देश के लगभग 1.79 करोड़ लोग काम की तलाश में अपनी मातृभूमि को छोड़कर बाहर गए है। ये प्रवासी भारत सरकार के लिए एक शक्तिशाली संसाधन से कम नहीं है।रिपोर्ट के अनुसार जिन देशों में भारतीय सबसे ज्यादा शिफ्ट हो रहे हैं उनमें खाड़ी देश सबसे ऊपर हैं। वहीं इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर अमेरिका है।
नई दिल्ली, जागरण डेस्क। Indian Migrants in worldwide: चाहे काम की तलाश हो या घूमने और रहने की बात हो, अधिकत्तर भारतीय विदेशों में रहने का शौक पाल रहे है। इसमें से ज्यादातर भारतीय IT पेशेवर से जुड़े हुए होते है, जो काम के लिए अमेरिका जाते है।
पैसे और लाइफस्टाइल को देखते हुए अधिकत्तर भारतीय अमेरिका या खाड़ी देशों में ही सेटल होने का मन बना लेते है। स्टैटिस्टा और जागरण की रिसर्च के मुताबिक, 2020 में दुनिया भर के किसी भी देश की तुलना में भारत के सबसे अधिक लोग विदेश में रहते थे।
काम की तलाश में भारतीय जा रहे विदेश
संयुक्त राष्ट्र ने विश्व प्रवासन रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक, 2023 में देश के लगभग 1.79 करोड़ लोग काम की तलाश में अपनी मातृभूमि को छोड़कर बाहर गए है। ये प्रवासी भारत सरकार के लिए एक शक्तिशाली संसाधन से कम नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रवासी अर्थव्यवस्था में भी उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। इसका कारण यह है कि प्रवासी भारतीयों से मिलने वाला धन प्रत्यक्ष रूप से भारत के विदेशी निवेश प्रवाह से अधिक देखा गया है। भारतीय प्रवासियों की ही वजह से ज्ञान से लेकर तकनीकी प्रसार को भी गति मिली है।
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भारतीयों की पंसदीदा देश कौन से?
रिपोर्ट के अनुसार, जिन देशों में भारतीय सबसे ज्यादा शिफ्ट हो रहे हैं उनमें खाड़ी देश सबसे ऊपर हैं। वहीं, इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर अमेरिका है। रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 34 लाख 71 हजार 300 लोग संयुक्त अरब अमीरात में रहते है। वहीं, अमेरिका में 27 लाख 23 हजार 764 भारतीय प्रवासी रह रहे है। इसके अलावा 25 लाख 2 हजार 337 भारतीय प्रवासी, सऊदी अरब में रह रहे है।
अंतरराष्ट्रीय प्रेषण में भारत को 2020 में 83.15 अरब डॉलर प्राप्त हुए है। इसमें 60 अरब डॉलर के साथ चीन दूसरे स्थान पर और 43 अरब डॉलर के साथ मेक्सिकों तीसरे स्थान पर हैं। विदेश में रहने वाले मजदूरों/श्रमिकों द्वारा उनके घरेलू देशों में भेजे गए धन को अंतरराष्ट्रीय प्रेषण कहा जाता है।
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