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    इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में भारतीय हितों को मजबूती देगा न्यूजीलैंड के साथ FTA

    By JAIPRAKASH RANJANEdited By: Garima Singh
    Updated: Tue, 11 Nov 2025 08:43 PM (IST)

    भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत के रणनीतिक हितों को बढ़ावा देगा। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले के बीच हुई वार्ता में व्यापारिक और रणनीतिक सहयोग पर जोर दिया गया। रक्षा सहयोग, आपूर्ति श्रृंखला और द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि की संभावनाएं हैं। यह समझौता भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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    FTA से हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूती

    जयप्रकाश रंजन, आकलैंड (न्यूजीलैंड)। हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपने रणनीतिक हितों को मजबूती देने में जुटे भारत की कोशिशों को न्यूजीलैंड के साथ होने वाले मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से भी काफी बल मिलेगा। भारत और न्यूजीलैंड के बीच इस समझौते को लेकर वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले की अगुवाई में पिछले हफ्ते चौथी दौर की वार्ता हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुई है।

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    दोनों देशों की तरफ से कहा गया है कि वह सिर्फ व्यापारिक संबंधों के नजरिए से ही भावी एफटीए समझौते को नहीं देख रहे बल्कि इसके जरिए दोनों देशों के रणनीतिक हितों, खास तौर पर हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति व अमन स्थापित करने के लिहाज से किस तरह से इस्तेमाल किया जाए, इस पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। दो दिन बाद 14 नवंबर को न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री वार्ता को आगे बढ़ाने फिर भारत आ रहे हैं।

    FTA से हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूती

    रोटोरुआ में न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन और वाणिज्य मंत्री मैक्ले के साथ एफटीए वार्ता के बाद वाणिज्य मंत्री गोयल ने बताया कि, “न्यूजीलैंड के साथ भारत के संबंधों में चौतरफा सुधार हो रहा है। मार्च, 2025 में पीएम लक्सन की नई दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ हुई मुलाकात के बाद रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों की नई संभावनाओं का द्वार खोल दिया है।

    दोनों देशों की सैन्य बलों के बीच सहयोग पर बात हो रही है, एक दूसरे के रणनीतिक हितों से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर हम व्यापक सहयोग की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में एफटीए होने से दोनों देशों के बीच आपसी भरोसा और बढ़ेगा। दोनों देशों की कंपनियों के बीच प्रौद्योगिकी व अन्य सहयोग स्थापित करने में आसानी होगी।''

    रक्षा सहयोग की नई संभावनाएं

    इसी तरह से सप्लाई चेन में भारत की कोशिश है कि न्यूजीलैंड के साथ एक व्यापक सहयोग हो। पिछले हफ्ते वाणिज्य मंत्री गोयल की अगुवाई में हुई बातचीत में आपूर्ति श्रृंखला (विभिन्न उद्योगों के लिए जरूरी कच्चे माल, कल-पुर्जे या उपकरणों पर आपसी निर्भरता कायम करना) में सहयोग एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है।

    उक्त वजह से भारत की तरफ से न्यूजीलैंड के साथ एफटीए को प्राथमिकता के तौर पर लिया जा रहा है। वाणिज्य मंत्री गोयल के मुताबिक, “न्यूजीलैंड जैसे छोटे भौगोलिक देशों के साथ एफटीए भारतीय इकोनमी के लिए एक शानदार कदम साबित होगा। इस एफटीए से हम दुनिया को यह संदेश देंगे कि भारत कारोबार के लिए एक खुला देश है।

    द्विपक्षीय कारोबार में 50% वृद्धि

    न्यूजीलैंड को दुनिया के सबसे विकसित व व्यापारिक दृष्टिकोण से एक खुले देश के तौर पर देखा जाता है और जब वहां की कंपनियों का निवेश भारत में बढ़ेगा तो इसका सकारात्मक संदेश अन्य निवेशकों तक भी जाएगा।

    ''न्यूजीलैंड में भारत की राजदूत नीता भूषण ने बताया कि वर्ष 2024-25 में हमारा द्विपक्षीय कारोबार तकरीबन 50 फीसद बढ़ा है। कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा और सेवाओं जैसे क्षेत्रों में हमारा कारोबार काफी बढ़ सकता है।