Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारतीय छात्रों की सोलर कार 'आग्नेय' दौड़ेगी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में, कई बदलाव के साथ ऑस्ट्रेलिया में दिखाएगी जोर

    Updated: Sat, 14 Jun 2025 02:00 AM (IST)

    उपयोगी सोलर कार बनाने की इस दौड़ में दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। आईआईटी मद्रास के छात्रों ने हाल ही में सौर ऊर्जा से चलने वाली एक अत्याधुनिक सोलर कार का प्रोटोटाइप तैयार किया है जिसे आग्नेय नाम दिया है। यह कार जल्द ही ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले वैश्विक सोलर कार प्रतिस्पर्धा में भी हिस्सा लेगी।

    Hero Image
    भारतीय छात्रों की सोलर कार 'आग्नेय' दौड़ेगी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में (फोटो- सोशल मीडिया)

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सोलर कार यानी सौर ऊर्जा आधारित कार भले आज से कुछ समय पहले तक एक सपना था लेकिन अब यह साकार होते दिख रहा है। यह बात अलग है कि अभी इसके उपयोग में आने में कुछ और समय लग सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आईआईटी मद्रास के छात्रों ने बनाई है यह नई कार

    उपयोगी सोलर कार बनाने की इस दौड़ में दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। आईआईटी मद्रास के छात्रों ने हाल ही में सौर ऊर्जा से चलने वाली एक अत्याधुनिक सोलर कार का प्रोटोटाइप तैयार किया है, जिसे आग्नेय नाम दिया है।

    कार का सफल ट्रायल भी पूरा

    इसका सफल ट्रायल भी पूरा कर लिया है। यह कार जल्द ही ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले वैश्विक सोलर कार प्रतिस्पर्धा में भी हिस्सा लेगी। ऑस्ट्रेलिया में 24 से 31 अगस्त के बीच आयोजित होने वाली इस प्रतिस्पर्धा में शामिल होने वाली सोलर कारों के लिए जो मानक तय किए गए है, उनमें उसे डार्विन से एडिलेड तक तीन हजार किमी की ड्राइव टेस्ट में शामिल होना होगा।

    आग्नेय से जुड़े छात्रों के मुताबिक यह प्रतिस्पर्धा सिर्फ एक दौड़ नहीं है बल्कि इसे दुनिया की सबसे कठिन इंजीनियरिंग प्रतियोगिता के रूप में भी मानी जाती है। यह तीन हजार किमी की दूरी ऑस्ट्रेलिया के दुर्गम इलाकों से होकर गुजरती है। जहां दिन का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहता है और रात में पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है।

    60 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार से चलती है कार

    साथ ही उल्टी हवाएं अक्सर 60 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार से चलती है, जिससे वाहन की स्थिरता और रफ्तार को चुनौती मिलती है। आइआइटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी.कोमकोटि के मुताबिक संस्थान के छात्र काफी समय से सोलर कार को लेकर काम कर रहे है। उनकी इस यात्रा में अब बड़ी सफलता मिली है।

    सीटिंग कैपेसिटी दो लोगों के बैठने की

    आग्नेय पहले तैयार किए गए सोलर कार के मॉडलों से अलग है। यह पहले के मुकाबले हल्की और इसकी बैटरी भी ज्यादा शक्तिशाली है। जल्द ही यह वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शामिल होने रवाना होगी। माना जा रहा है कि यदि यह कार प्रतिस्पर्धा में सफल होती है कि इसे नए डिजाइन और सीटिंग कैपेटिसी के साथ ही लांच किया जा जाएगा। अभी इसकी सीटिंग कैपेसिटी दो लोगों के बैठने की है।