भारतीय शोधकर्ता बना रहे पोर्टेबल वेंटिलेटर, सांस संबंधी परेशानियों को दूर करने में मिलेगी मदद
असम की तेजपुर यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण सामने आई चुनौतियों को देखते हुए इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग विभाग ...और पढ़ें

गुवाहाटी, प्रेट्र। असम की तेजपुर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) आधारित पोर्टेबल वेंटिलेटर का डिजाइन तैयार किया है। यह सांस संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे लोगों के लिए मददगार होगा।
यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने बताया कि महामारी की दूसरी लहर के कारण सामने आई चुनौतियों को देखते हुए इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग विभाग ने आइओटी आधारित पोर्टेबल वेंटिलेटर को विकसित किया है। छात्रों का एक समूह पूर्व गेस्ट फैकल्टी मेंबर चिरंजीत अधिकारी और गेस्ट फैकल्टी मेंबर फिरदौस अहमद के दिशा-निर्देशन में इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। डिपार्टमेंट हेड सौमिक रॉय इसकी निगरानी कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी का कहना है कि यह पोर्टेबल वेंटिलेटर 8,000 से 15,000 रुपये तक की कीमत पर उपलब्ध हो सकेगा।
रॉय ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर काम करने का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी मशीन विकसित करना है, जो जरूरत पड़ने पर स्वयं ही काम करना शुरू कर दे, जिससे सांस संबंधी परेशानियों के जोखिमों को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि अंबु बैग नामक इस डिवाइस को आसानी से कहीं ले जा सकते हैं। इसका प्रयोग आम तौर पर उन मरीजों के लिए फायदा पहुंचाता है, जो पर्याप्त मात्रा में सांस नहीं ले पाते।
रॉय ने कहा कि इसकी एक खासियत यह भी है कि इसे मोबाइल आधारित एप्लीकेशन के जरिये भी चलाया जा सकता है, जिसकी मदद से वेंटिलेटर के विभिन्न मापदंड़ों को नियंत्रित किया जा सकता है।

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