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    Indian Railways: रेल यात्रियों को बड़ी राहत, एसी बोगियों में मिलने लगे कंबल-चादर, यहां देखें किन ट्रेनों में शुरु हुई सुविधा

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 14 Apr 2022 03:02 PM (IST)

    भारतीय रेलवे ने ट्रेन के एसी कोच में एक बार फिर से लिनेन सर्विस (बेडशीट कंबल और पर्दे की सुविधा) शुरु कर दी है। इसे कोरोना काल में संक्रमण को फैलने स ...और पढ़ें

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    ट्रेन में बेडशीट, कंबल और पर्दे की सुविधा फिर से शुरू (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, एजेंसी। रेल यात्रियों के लिए रेलवे की तरफ से बड़ी राहत की घोषणा की गई है। रेलवे ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि ट्रेन में बेडशीट, कंबल और पर्दे की सुविधा फिर से शुरू हो गई है। इसे कोरोना काल में संक्रमण को फैलने से रोकने के मकसद से बंद किया गया था। सभी रेलवे जोन के जनरल मैनेजर्स को यह आदेश जारी किया जा चुका है।

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    रेलवे बोर्ड ने कहा है कि इन चीजों की सप्लाई शुरू कर दी गई है। कंबल और बेडशीट ना मिलने के चलते लोग इसकी काफी मांग कर रहे थे। ये सुविधाएं ना मिलने की वजह से लोगों को काफी दिक्कत हो रही थी। बहुत से ऐसे भी लोग थे, जो ट्रेन में ये सब सुविधाएं ना मिलने की वजह से परेशान थे। रेलवे ने 638 ट्रेनों की सूची जारी कर कहा कि इन ट्रेनों में लिनन सेवाएं (बेडशीट, कंबल और पर्दे की सुविधा) शुरु कर दी गई है। इसके अलावा जिन ट्रेनों यह सुविधा नहीं है उसमें यात्री को स्वयं व्यवस्था करनी होगी।

    क्या-क्या सुविधाएं हो चुकी हैं बहाल

    रेलवे ने सबसे पहले स्पेशल ट्रेनों के नाम पर महत्वपूर्ण ट्रेनों की सुविधा बहाल की। उसके बाद इन ट्रेनों में पेंट्री कार की सुविधा शुरू की, ताकि लोगों को ट्रेन में बना हुआ खाना आसानी से मुहैया कराया जा सके। यानी चाय-कॉफी से लेकर तमाम तरह के खाने अब रेलगाड़ी में ही बना कर बेचे जा रहे हैं। इससे पहले लोगों को खाने की सुविधा देने के लिए सिर्फ रेडी टू इट खाना ही मिलता था। अब कंबल और बेडशीट की सुविधा भी मिलने लगी है।

    जानें- क्यों बंद हुई थी ट्रेन में बेडशीट, कंबल और पर्दे की सुविधा

    अगर कोरोना काल से पहले की बात करें तो ट्रेन के एसी क्लास में यात्रा करने पर बेड रोल मुफ्त में मिलता था। गरीब रथ ट्रेन में इसके लिए मामूली चार्ज देना होता था। एक बेड रोल में दो चादर, एक तकिया, एक कंबल और एक छोटा तौलिया होता था। कोरोना काल में जब ट्रेन की सुविधा फिर से शुरू की गई तो बेड रोल देना बंद कर दिया गया। उस समय रेलवे का कहना था कि बेड रोल से कोरोना का संक्रमण फैल सकता है।